आधुनिक भारतीय राजनीतिक चिंतन UNIT 1 CHAPTER 1 SEMESTER 5 THEORY NOTES आधुनिक भारतीय राजनीतिक चिंतन को समझना POLITICAL DU. SOL.DU NEP COURSES

आधुनिक भारतीय राजनीतिक चिंतन  UNIT 1 CHAPTER 1 SEMESTER 5 THEORY NOTES  आधुनिक भारतीय राजनीतिक चिंतन को समझना POLITICAL DU. SOL.DU NEP COURSES




प्रस्तावना

राजनीतिक विचारक समाज और राष्ट्र के उत्थान में अहम भूमिका निभाते हैं। उनके विचार राष्ट्र को नई दिशा देकर समस्याओं के समाधान और राष्ट्रीय एकता, सुरक्षा, व समृद्धि को बढ़ाने में मदद करते हैं। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक सुधारों में राजा राममोहन राय, बाल गंगाधर तिलक, वीर सावरकर, स्वामी विवेकानंद, भीमराव अंबेडकर, महात्मा गांधी, और मदन मोहन मालवीय जैसे महान विचारकों ने विशेष योगदान दिया। उनके विचारों ने भारतीय समाज को एकीकृत और सशक्त राष्ट्र की नींव दी।

 आधुनिक राजनीतिक चिंतन की उत्पत्ति 

  • आधुनिक राजनीतिक चिंतन का विकास भारत में ऐतिहासिक, सामाजिक, और आर्थिक परिस्थितियों के प्रभाव में हुआ। प्राचीन काल में धार्मिक और दार्शनिक परंपराओं ने राजनीतिक सोच को आकार दिया। गुप्त काल और मौर्य साम्राज्य में सामाजिक न्याय और कर्तव्यों पर विचार हुआ।
  • आधुनिक राजनीतिक चिंतन की शुरुआत मुख्यतः 18वीं और 19वीं सदी में हुई, जब भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था। इस दौर में सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक बदलावों ने नए विचारों को जन्म दिया। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और सामाजिक सुधार आंदोलनों ने राष्ट्रीय एकता, सामाजिक न्याय और विकास जैसे मुद्दों को केंद्र में रखा।
  • इस चिंतन ने समाज में समानता, अधिकार, और न्याय को बढ़ावा दिया। विज्ञान, शिक्षा, और तकनीकी प्रगति ने भी नए राजनीतिक विचारों को प्रेरित किया। आधुनिक राजनीतिक चिंतन का मुख्य उद्देश्य एक समृद्ध, समावेशी और न्यायपूर्ण समाज का निर्माण है। यह सभी वर्गों और समुदायों के विकास और समृद्धि की दिशा में काम करता है।


 आधुनिक राजनीतिक चिंतन की विशेषताएँ 

  • व्यावहारिकता: आधुनिक भारतीय राजनीतिक चिंतन ने समाज सुधार और स्वतंत्रता संघर्ष में व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाया। चिंतकों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ आंदोलन किए और सामाजिक, आर्थिक, व राजनीतिक सुधार लाने में योगदान दिया।
  • पूर्व-ब्रिटिश विचारों का प्रभाव: आधुनिक चिंतन ने प्राचीन भारतीय संस्कृति और सभ्यता के साथ विदेशी आक्रमणों के विचारों को समाहित किया। इससे राष्ट्रीय एकता और सामाजिक न्याय पर आधारित एक समृद्ध दृष्टिकोण विकसित हुआ।
  • भारत की विविधता का प्रतिबिंब: चिंतकों ने विभिन्न सामाजिक और क्षेत्रीय संदर्भों से प्रेरित होकर समानता, न्याय, और विकास के उपाय सुझाए। जातिवाद और भेदभाव के खिलाफ प्रयास किए गए।
  • अंतरराष्ट्रीय घटनाओं का प्रभाव: यूरोपीय राष्ट्रवाद, अमेरिकी, फ्रांसीसी और रूसी क्रांतियों ने भारतीय चिंतन को प्रभावित किया, जिससे स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की धारणा मजबूत हुई।
  • उदारवादी चिंतन: राजा राममोहन राय, गोपाल कृष्ण गोखले, और सर सैयद अहमद खान जैसे चिंतकों ने सामाजिक सुधार, महिला अधिकार, और शिक्षा के माध्यम से समाज के विकास में योगदान दिया।
  • विचारधारा की विविधता: उदारवाद, समाजवाद, राष्ट्रवाद, और भारतीय संस्कृति के प्रति आस्था जैसे विचारों ने आधुनिक चिंतन को समृद्ध किया। समाज में समानता और न्याय के लिए नई धाराएँ उभरीं।
  • सामाजिक और आर्थिक सुधार: चिंतन ने सामाजिक समानता और आर्थिक उत्थान को प्राथमिकता दी। जातिवाद और असमानता को खत्म करने के लिए प्रयास हुए।
  • प्राचीन सभ्यता का योगदान: प्राचीन भारतीय सभ्यता के तत्वों का अध्ययन कर चिंतकों ने आधुनिक राजनीतिक सोच को मजबूती दी। इससे धर्मनिरपेक्षता और स्वतंत्रता की अवधारणाएँ मजबूत हुईं।
  • आत्मनिर्भरता का आदर्श: चिंतकों ने समाज को स्वावलंबी बनने और आंतरिक संसाधनों के उपयोग को प्रोत्साहित किया।
  • अधिकार और संविधान: संविधान और न्यायपालिका के माध्यम से समाज में न्याय और समानता सुनिश्चित करने की आवश्यकता को प्राथमिकता दी गई।
  • आर्थिक विकास और सामूहिक उत्थान: चिंतन ने सामूहिक सहयोग और आर्थिक न्याय के माध्यम से समृद्धि पर ध्यान केंद्रित किया।
  • राष्ट्रीय एकता और संघीयता: राष्ट्रीय एकता के लिए विभिन्न समुदायों और क्षेत्रों को जोड़ने पर जोर दिया गया।
  • राष्ट्रवादी विचारक: राष्ट्रवादी चिंतकों ने स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया और शिक्षा, स्वास्थ्य, और तकनीकी विकास को बढ़ावा दिया।
  • महिलाओं के अधिकार: महिलाओं के लिए समान अधिकारों की माँग प्रमुख बन गई। सावित्रीबाई फुले और ताराबाई शिंदे जैसे चिंतकों ने महिलाओं के अधिकार और शिक्षा के लिए संघर्ष किया।


आधुनिक भारतीय राजनीतिक चिंतन की प्रगति एवं विकास में प्रमुख विचारकों की भूमिका 

भारत में आधुनिक राजनीतिक चिंतन के विकास में विभिन्न विचारकों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिससे भारतीय समाज को नया मार्गदर्शन मिला।

  • राममोहन राय: राममोहन राय एक महान सामाजिक सुधारक थे, जिन्होंने बाल विवाह, सती प्रथा, और जातिवाद जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ प्रभावी आंदोलन चलाए। उन्होंने महिलाओं की स्थिति सुधारने पर विशेष जोर दिया और समाज में समानता और उदारता को बढ़ावा दिया। उनके प्रयासों ने भारतीय समाज को आधुनिकता की ओर अग्रसर किया और सामाजिक सुधारों की नींव रखी।
  • वीर सावरकर: वीर सावरकर स्वतंत्रता संग्राम के प्रेरणादायक राष्ट्रवादी थे। उन्होंने "हिंदू राष्ट्र" की विचारधारा को बढ़ावा देते हुए समाज में आत्मविश्वास और स्वाधीनता का जोश भरा। उनके क्रांतिकारी विचारों और आंदोलनों ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा और गति प्रदान की।
  • लोकमान्य तिलक: लोकमान्य तिलक स्वतंत्रता संग्राम के प्रभावशाली नेता थे। उन्होंने अपने प्रेरणादायक भाषणों और लेखों के माध्यम से जनता को जागरूक किया और स्वतंत्रता के लिए प्रेरित किया। तिलक का प्रसिद्ध नारा, "स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है," भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक बन गया।
  • महात्मा गाँधी: महात्मा गाँधी ने अहिंसा और सत्याग्रह के सिद्धांतों पर आधारित स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किया। उन्होंने "हिंद स्वराज" और "सत्य के प्रयोग" जैसी रचनाओं में अपने विचार व्यक्त किए। स्वदेशी आंदोलन और नमक सत्याग्रह जैसे आंदोलनों के माध्यम से उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम को सशक्त बनाया और जनता को संगठित किया।
  • रवींद्रनाथ टैगोर: रवींद्रनाथ टैगोर के विचारों में सामाजिक न्याय, स्वतंत्रता, और मानवता का गहरा समावेश था। उनकी रचनाओं ने राष्ट्रीय एकता और सामंजस्य को बढ़ावा दिया। टैगोर ने भारतीय संस्कृति और वैश्विक सोच को मिलाकर समाज सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण मार्गदर्शन किया।
  • स्वामी विवेकानंद: स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरित किया। उन्होंने भारतीय संस्कृति और धर्म को विश्व स्तर पर प्रस्तुत कर गौरव बढ़ाया। उनके विचारों में धार्मिकता, सामाजिक न्याय, और राष्ट्रीय एकता का संदेश प्रमुख था, जिसने समाज को जागरूक और सशक्त बनाया।
  • डॉ. बी.आर. अंबेडकर: डॉ. बी.आर. अंबेडकर ने जातीय भेदभाव के खिलाफ संघर्ष किया और समानता के सिद्धांत पर आधारित भारतीय संविधान का निर्माण किया। उन्होंने श्रमिकों और महिलाओं के अधिकारों के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए। उनके प्रयासों ने सामाजिक न्याय और समरसता को बढ़ावा देकर समाज को सशक्त बनाया।


 आधुनिक भारतीय राजनीतिक चिंतन का महत्व 

आधुनिक राजनीतिक चिंतन समाज, राजनीति, और आर्थिक विकास में सुधार और नवीनता लाने का एक प्रमुख माध्यम है। यह चिंतन समाज को समस्याओं को समझने और उनके समाधान खोजने में सहायता करता है।

  • नवीन दृष्टिकोण: आधुनिक राजनीतिक चिंतन सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर नए और विशिष्ट दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। यह सामाजिक न्याय, नीतियों, और संरचनाओं में सुधार के लिए समाधान प्रदान करता है।
  • समाज के विकास में योगदान: यह चिंतन समाज की समस्याओं को समझने और हल करने के उपाय बताकर सकारात्मक बदलाव को प्रोत्साहित करता है।
  • राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय नीतियों में भूमिका: यह चिंतन राजनीतिक नीतियों के निर्धारण में समृद्ध और समान विचार प्रस्तुत करता है, जो समाज के सभी वर्गों के कल्याण पर आधारित होते हैं।
  • अधिकारों और कर्तव्यों की जागरूकता: यह लोगों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक कर, उन्हें समाज के प्रति सकारात्मक योगदान देने के लिए प्रेरित करता है।


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