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प्राचीन सभ्यता UNIT- 4 SEMESTER-1 THEORY NOTES प्राचीन यूनानः मिनोअन और माइसीन (ANCIENT GREECE: MINOAN AND MYCENAEAN)DU. SOL.DU NEP COURSES

 

प्राचीन सभ्यता UNIT- 4  SEMESTER-1 THEORY NOTES प्राचीन यूनानः मिनोअन और माइसीन (ANCIENT GREECE: MINOAN AND MYCENAEAN)DU. SOL.DU NEP COURSES


प्राचीन यूनान : मिनोअन और माइसीन सभ्यताएँ

कांस्य युग में यूनान में मिनोअन और माइसीन सभ्यताओं का विकास हुआ, जो महल-आधारित राजव्यवस्थाओं और पुनर्वितरण आधारित अर्थव्यवस्था पर आधारित थीं। मिनोअन सभ्यता क्रेते द्वीप पर उभरी, जहाँ मिस्र और निकट पूर्व के प्रभाव ने कला और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा दिया। पश्चिमी एजियन क्षेत्र में साइक्लेड्स और हेलाडिक सभ्यताओं का केंद्र था, जहाँ कांस्य निर्माण ने कृषि, जहाज निर्माण, और हथियार निर्माण में प्रगति की। माइसीन सभ्यता ने सैन्य उपकरणों का निर्माण किया और सामाजिक संरचना में योद्धाओं का महत्व बढ़ा। कृषि में जैतून और अंगूर की खेती से आर्थिक उन्नति हुई। मिस्र और निकट पूर्व के प्रभाव ने यूनानी कला, धार्मिक विश्वासों और व्यापारिक संबंधों को गहराई दी, जिससे यूनान का स्वतंत्र विकास यूरोसेंट्रिक विचारों को चुनौती देता है।


मिनोअन्स का महल-समाज (Palace Society of the Minoans)

1. साइक्लेड्स की शुरुआत : साइक्लेड्स यूनान मुख्य भूमि से ईजियन में बसने वाले पहले लोग थे। संगमरमर की प्रचुरता और व्यापार मार्ग पर स्थित होने के कारण, इन द्वीपों पर पत्थर की मूर्तियों और गाँवों का निर्माण हुआ। काँस्य युग में यहाँ किलेबंदी, कब्रिस्तान और मिट्टी के बर्तन भी बनाए गए।

2. मिनोअन्स की उत्पत्ति : लगभग 2200 ईसा पूर्व, क्रेते में महलों जैसी विशाल, बहु-कक्षीय इमारतों का निर्माण हुआ। इन महलों में कई मंजिलें थीं, और यह समुद्री जीवन के चित्रों, जैसे जहाजों और डॉल्फिन, से सुसज्जित थे। पौराणिक राजा मिनोस के नाम पर इस समाज को "मिनोअन" कहा गया।

3. महलों की विशेषताएँ : महलों के चारों ओर किलेबंदी नहीं होती थी, जो शायद शांति या रक्षा व्यवस्था की ओर इशारा करती है। मिनोअन्स के ये महल समाज का केंद्र थे, जिनका उल्लेख यूनानी लेखकों द्वारा 'मिनोटौर और भूलभुलैया' की कहानियों में किया गया है।

4. भूकंप और पुनर्निर्माण : लगभग 1700 ईसा पूर्व, एक भूकंप ने महलों को नष्ट कर दिया, लेकिन इन्हें पुनर्निर्मित किया गया। पुनर्निर्माण के बाद, इन महलों ने अर्थव्यवस्था को व्यवस्थित और नियंत्रित किया।

5. लिपि और लेखन : मिनोअन्स ने मिस्र से चित्रात्मक लिपि उधार ली, जिसे "लीनियर ए" नाम दिया गया। इस लिपि का उद्देश्य व्यापार, संपत्ति और अर्थव्यवस्था के रिकॉर्ड रखना था।

6. क्ले टेबलेट : महलों में क्ले टेबलेट पर देवताओं को दिए गए प्रसाद, भुगतान, और कपड़ा उत्पादन जैसे कार्यों के लिए आवश्यक कच्चे माल के रिकॉर्ड मिलते हैं, जो समाज के ऊपर से नीचे तक की आर्थिक व्यवस्था को दर्शाते हैं।


मिनोअन्स की महल-केंद्रित पुनर्वितरण अर्थव्यवस्था

1. बाजार प्रणाली का अभाव : मिनोअन समाज में बाजार प्रणाली नहीं थी। महल प्रशासन ने निर्धारित किया कि कौन कितना उत्पादन करेगा और बदले में उन्हें कितना हिस्सा मिलेगा। सभी आदान-प्रदान और कार्य की ज़िम्मेदारी महलों द्वारा तय की जाती थी।

2. व्यवस्थित लेखांकन : इस केंद्रीकृत व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सटीक लेखांकन की आवश्यकता थी। जैतून के तेल, अनाज, और अंगूर जैसी वस्तुएँ महलों के बड़े भंडारों में रखी जाती थीं और उनका रिकॉर्ड क्ले टेबलेट पर रखा जाता था।

3. विदेशी व्यापार का संगठन : विदेशी व्यापार भी महल के अंतर्गत नियंत्रित था। ताँबा और टिन जैसी आवश्यक वस्तुएँ साइप्रस और दूर के क्षेत्रों से लाई जाती थीं। मिस्र के साथ व्यापार महत्वपूर्ण था, जहाँ मिनोअन लोगों को मकबरों के चित्रों में उपहार लेकर जाते हुए दिखाया गया है।

4. क्रीट के जहाज और व्यापार : क्रेटन जहाजों ने आसपास के द्वीपों के साथ व्यापार संबंध बनाए रखा। मिस्र और सीरिया से कीमती वस्तुएँ और नई तकनीकें प्राप्त होती थीं। 2200 ईसा पूर्व से मिनोअन मुहरों पर मस्तूल वाले जहाजों की छवि दिखाई देने लगी थी।

5. विनिमय के प्रमाण : साइक्लेड्स और अन्य क्षेत्रों के साथ व्यवस्थित व्यापार की पुष्टि पत्थर की मुहरों से होती है। ये मध्य और तीसरी सहस्राब्दी ईसा पूर्व के अंत से हैं, जब प्रशासन में बढ़ोतरी हुई और स्वामित्व संरचना बदली।

6. विशेष उत्पादन और स्थानीय कार्यशालाएँ : नवपाषाण काल में उत्पादन का केंद्र घर हुआ करते थे। बढ़ती शहरी माँग के कारण उत्पादन कार्यशालाओं में स्थानांतरित हो गया। सिरेमिक उत्पादन का उदाहरण है, जहाँ कामारेस मिट्टी के बर्तनों जैसी वस्तुएँ क्रीट में ही तैयार की जाती थीं।

7. महलों की भूमिका : महलों ने पुनर्वितरण के साथ-साथ शिल्प उत्पादन, जैसे कामारेस बर्तन, में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालाँकि, ये बर्तन समाज के केवल अभिजात वर्ग तक सीमित नहीं थे, बल्कि दूर-दराज के क्षेत्रों में भी उपयोग किए जाते थे, जो सामाजिक भेदभाव को दर्शाता है।


मिनोअन समाज की सामाजिक जटिलता और धार्मिक पहलू

1. सामाजिक संरचना : प्रारंभिक मिनोअन समाज में कमजोर पदानुक्रम और सत्ता के लिए कई समूहों में प्रतिस्पर्धा थी। मेसोपोटामिया और मिस्र की तरह एकल अभिजात वर्ग का प्रभुत्व यहाँ नहीं था। जनसंख्या वृद्धि और शिल्प कौशल में बढ़ती विशेषज्ञता ने धीरे-धीरे सामाजिक विभाजन को जन्म दिया।

2. धार्मिक विशेषताएँ : मिनोअन धर्म में बहुदेववाद था, जिसमें स्थानीय देवताओं और अनुष्ठानों का महलों द्वारा आयोजन किया जाता था। यह धर्म समुदाय-आधारित और क्षेत्रीय था, लेकिन पूरे द्वीप में एक समान पैटर्न में देखा जाता था। मुख्य प्रतीक जैसे सींग, दोहरी कुल्हाड़ी, बैल, पक्षी, और साँप, देवताओं का प्रतिनिधित्व करते थे। मिनोअन धर्म में देवता अक्सर जानवरों के रूपों या प्रतीकों (ज़ूमोर्फिक और एनिकोनिक) में प्रकट होते थे, न कि मानव रूपों में।अभयारण्य और पूजा स्थल: मिनोअन पूजा स्थलों में पहाड़ों की चोटियाँ, गुफाएँ, और महल शामिल थे। प्रारंभ में गुफाओं का उपयोग निवास और दफन दोनों के लिए होता था, लेकिन 2000 ईसा पूर्व के बाद, अनुष्ठान महलों में अधिक केंद्रित हो गए।


मिनोअन सभ्यता के चरण

1. पूर्व-राजसी काल (2600-1900 ईसा पूर्व): मिस्र और निकट पूर्व के साथ व्यापार और कृषि का विकास हुआ।जनसंख्या और समृद्धि में वृद्धि देखी गई, जिससे सामाजिक वर्गों का उदय हुआ।

2.पुराना राजसी काल (1900-1700 ईसा पूर्व): नोसोस, फिस्टोस और ज़ाक्रोस जैसे क्षेत्रीय महलों का विकास हुआ, जो आर्थिक, राजनीतिक, और सामाजिक केंद्र बने। भूमध्य सागर में व्यापार बढ़ा, और लिपि प्रणाली "लिनियर ए" विकसित हुई।

3. नया राजसी काल (1700-1450 ईसा पूर्व): भूकंपों और धेरा द्वीप पर ज्वालामुखी विस्फोट के बाद भी, मिस्र, एशिया, और अफ्रीका के साथ व्यापार के कारण संस्कृति फली-फूली। यह काल "प्रथम अंतर्राष्ट्रीय युग" के रूप में भी जाना जाता है।

4. पोस्ट-पैलेटियल काल (1450-1100 ईसा पूर्व): माइसीनियन्स ने क्रेते पर कब्जा किया और मिनोअन संस्कृति, समाज, और लिपि "लिनियर ए" को अपनाकर उसे "लिनियर बी" में बदल दिया।नोसौस महल कुछ समय तक विकसित होता रहा।


सामाजिक और सांस्कृतिक विशेषताएँ

1. किलेबंदी की अनुपस्थिति : मिनोअन्स ने महलों के आसपास किलेबंदी नहीं की, जिससे वे शांतिप्रिय समाज माने जाते हैं।

2. महल सुविधाएँ : नोसोस में कई सौ कमरे, विशाल भंडारण जार, उन्नत नलसाजी, और भित्तिचित्र मिलते हैं।

3. महिला प्रधानता : भित्तिचित्रों और मूर्तियों से महिलाएँ समाज में प्रमुख स्थान पर थीं, जबकि कब्रों से प्राप्त हथियार पुरुषों के विशेष दर्जे का संकेत देते हैं।

4. धार्मिक समाज : समाज का धार्मिक झुकाव स्पष्ट था, जो उनके भित्तिचित्रों और मूर्तियों में देखा जा सकता है।


मिनोअन्स और माइसीनियन का संबंध

1. व्यापार और संपर्क : मिनोअन्स ने बड़े जहाजों का निर्माण कर व्यापार बढ़ाया, जिससे उन्हें यूनानी मुख्य भूमि के माइसीनियन्स से संपर्क हुआ, जो मुख्यतः छापेमारी में संलग्न थे। मिनोअन्स महलों का निर्माण करते थे, जबकि माइसीनियन्स ने मेगरॉन (किंग्स हॉल) बनाए।

2. माइसीनियन संस्कृति और अवशेष : माइसीनियन सभ्यता पूरे ग्रीस में फैली हुई थी और उनके गढ़ पेलोपोनिस में पाए गए। थोलोस कब्रें (छत्ते के आकार के गुंबददार कक्ष) और समृद्ध कब्रों में खजाने मिले हैं, जो उनके धनी और योद्धा समाज को दर्शाते हैं।

3. मिनोअन से प्रेरणा :  माइसीनियन कला और वास्तुकला पर मिनोअन प्रभाव देखा गया है।हालांकि, उनकी सांस्कृतिक प्रथाओं में कई अंतर थे, जैसे कि माइसीनियन द्वारा अपने देवताओं को जली हुई वस्तुओं की पेशकश और मिनोअन्स का मंदिर निर्माण पर जोर।

4. लिपि और भाषा : माइसीनियन लिपि "लिनियर बी" में लिखी जाती थी, जिसे वेंट्रिस ने ग्रीक की प्रारंभिक रूप के रूप में पहचाना। नोसोस में मिली कुछ क्ले टेबलेट्स पर लिनियर बी में लेखन मिला, जो माइसीनियन्स का मिनोअन संस्कृति पर प्रभाव दिखाता है।


माइसीनियन सभ्यता के चरण - यूनानी इतिहास की एक झलक

माइसीनियन सभ्यता प्राचीन यूनानी इतिहास की सबसे महत्त्वपूर्ण संस्कृतियों में से एक है, जो लगभग 2000 से 1200 ईसा पूर्व तक फली-फूली। इसकी शुरुआत मुख्य भूमि यूनान पर माइसीनियन लोगों के आगमन के साथ हुई और इसका पतन एक रहस्यमय घटना के रूप में देखा जाता है। आइए, इस सभ्यता के विभिन्न चरणों पर एक नज़र डालते हैं:

1. प्रारंभिक चरण (2000-1600 ईसा पूर्व) : यूनानी मुख्य भूमि पर माइसीनियन लोग बस गए, जिससे जनसंख्या और कृषि का विकास हुआ।इस चरण में सामाजिक व्यवस्था में पदानुक्रमित संरचना का उदय हुआ, साथ ही मिनोअन्स के साथ व्यापारिक संपर्क भी बना।

2. मध्य चरण (1600-1400 ईसा पूर्व) : थेरा ज्वालामुखी विस्फोट के बाद माइसीनियन शक्ति में तेजी से वृद्धि हुई।थोलोस कब्रों का निर्माण हुआ, जो उनकी स्थापत्य कला की उन्नति को दर्शाता है। 1450 ईसा पूर्व तक, माइसीनियन ने नोसोस पर भी अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया, जिससे यूनानी संस्कृति पर उनकी पकड़ और मजबूत हुई।

3. उत्तर चरण (1400-1200 ईसा पूर्व): माइसीनियन समाज ने मिनोअन संस्कृति से गहरे प्रभाव ग्रहण किए, और हित्तियों और मिस्र के साथ संपर्क बनाए रखा। इस काल में महल-आधारित सामाजिक और आर्थिक प्रणाली का विकास हुआ। वानक्स या "भगवान" इस संरचना के शीर्ष पर थे, जो उनके सैन्य और राजनीतिक प्रभुत्व का प्रतीक थे।

4. पतन (1200 ईसा पूर्व के बाद): दो पीढ़ियों के भीतर माइसीनियन सभ्यता का पतन हो गया। महल और केंद्र ध्वस्त हो गए और फिर कभी पुनर्निर्मित नहीं हुए।ट्रॉय सहित अनातोलिया और सीरिया के कई शहर भी इसी समय नष्ट हो गए। माइसीनियन लोग ग्रीस छोड़कर पूर्व और पश्चिम भाग गए, अपने पीछे एक शून्य और रहस्य छोड़ते हुए।





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