Today Topic- भारत का इतिहास- 1707- 1950 ई. तक- Unit- 4- Bhic- 134- ignou subject
परिचय
- 18वीं शताब्दी के मध्य में ईस्ट इंडिया कंपनी एक व्यापारिक संस्थान से राजनीतिक सत्ता की ओर बढ़ने लगी
- जोकि मुगल सत्ता के पतन के बाद सरल था तथा इन्हें नया अवसर भी मिल गया था।
- यह Unit राजनीतिक वर्णन की बजाय ब्रिटिश शासन की उभरती विचारधाराओं और परंपराओं पर केंद्रित है।
प्रारंभिक छवियां
- एडवर्ड टेरी और जॉन ओविंगटन भारत की यात्रा करने वाले शुरुआती यात्रियों में से एक थे
- आरम्भिक ब्रिटिश यात्रियों को बर्नियर के लेखन के माध्यम से ऑटोमन और फारसी साम्राज्यों के बारे में पता लगा था।
- क्सासिकल युग के विद्वान सर विलियम टेम्पल का मानना था कि लीकुरगुस और पायथागोरस ने भारतीयों से ही शिक्षा ग्रहण की थी
विलियम जोन्स
- यह भारत के बारे में जानने के लिए उत्सुक थे।
- इसलिए उन्होंने अनुभव किया कि भारत को ठीक प्रकार से समझने के लिए वैज्ञानिक अध्ययन की जरूरत है।
- तो उसने एशियाटिक सोसाइटी की स्थापना की
- जिसका उद्देश्य एशिया में रहकर या एशिया से बाहर रहकर दोनों प्रकार से इसका ज्ञान प्राप्त करना
- इस सोसाइटी ने भारत के सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक पक्षों की गहराई से अध्ययन किया।
- इस सोसाइटी को गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स का पूरा समर्थन प्राप्त था।
हेस्टिंग्स की नीति
- हेस्टिंग्स द्वारा एशियाटिक सोसाइटी को प्रोत्साहन करने के पीछे इस प्रकार के कारण थे।
- वह भारतीय संस्थाओं के साथ ब्रिटिश शासन का तालमेल स्थापित करना चाहता था
- इसके लिए देश के इतिहास, परंपराओं, अध्ययन की जरूरत थी।
उपयोगितावादी
- उपयोगितावादी का मानना है कि वही काम शुभ है जो सिर्फ व्यक्ति विशेष के हित में ना होकर व्यापक सामाजिक हित के पक्ष में होता है।
- जो अधिकतम व्यक्तियों को अधिकतम सुख प्रदान करने में सहायक हो।
- उपयोगी शब्द पर अधिक जोर देने के कारण ही इस सिद्धांत या विचारधारा का नाम उपयोगितावाद पड़ गया ।
कानून का प्रश्न
- भारत के संदर्भ में ब्रिटिश दृष्टिकोण पर उपयोगितावादी विचारों का प्रभाव पड़ा।
- बेंटिक ने कानून को परिवर्तन का एक माध्यम बनाकर सती और बालिका हत्या
- जैसे भारतीय कुप्रथाओं पर रोक लगाने का प्रयास किया।
- बेंथम के सिद्धांतों के आधार पर कई कानून और दंड संहिताएँ लागू करी।