Today Topic- भारत का इतिहास- 1707- 1950 ई. तक- Unit- 3- Bhic- 134- ignou subject
परिचय
- शुरुआती स्तर पर अंग्रेजों की रुचि इस बात पर थी, की बंगाल के सभी संसाधनों और बंगाल की व्यापारिक क्षमताओं का इस्तेमाल करें।
- साथ ही एशिया के व्यापार पर अपना एकाधिकार स्थापित कर सके।
- ईस्ट इंडिया कंपनी की बढ़ती व्यापारिक रूचि ने नवाबों के साथ संघर्ष को जन्म दिया।
- इस Unit में हम अंग्रेजों की बंगाल विजय और 1757 से 1765 के राजनीतिक घटनाचक्र की विवेचना करेंगे।
ब्रिटिश विजय से पूर्व का बंगाल
- 18वीं शताब्दी में बंगाल से यूरोप को कच्चे उत्पादों जैसे कि
- चावल, नील, काली मिर्च, चीनी, रेशम, कढ़ाई बुनाई का सामान आदि का निर्यात होता था।
- बंगाल की व्यापारिक क्षमताओं के कारण ही अंग्रेज बंगाल की तरफ आकर्षित हुए
- 1700 ईस्वी में मुर्शिद कुली खां को बंगाल का दीवान नियुक्त किया गया था।
- उसके बाद उसे बंगाल का सूबेदार बनाया गया था
- कुली खां की मृत्यु के बाद बंगाल का शासक कुली खां के दमाद शूजाउद्दीन को बनाया गया
- जिसने 14 वर्षों तक शासन किया
- इसके बाद सरफराज खान और अलवर्दी खां ने बंगाल पर शासन किया।
- यह सभी शासक बंगाल के लिए सफल साबित हुए।
- बंगाल के विकास में अहम भूमिका निभाई
- इस समय बंगाल में काफी समृद्धि आई थी।
बंगाल की ब्रिटिश विजय
- बंगाल के इतिहास में 1757 से 1765 तक का समय नवाब से राजनैतिक सत्ता का अंग्रेजों को हस्तांतरण के घटनाक्रम को दर्शाता है।
- आठ वर्ष के समय के दौरान बंगाल पर तीन नवाबों सिराजउद्दौला, मीर जाफर और मीर कासिम का राज रहा।
- लेकिन वे सभी नवाब की प्रभुसत्ता को स्थिरता प्रदान करने में असफल रहे
- और अंत में बंगाल के शासन का नियंत्रण अंग्रेजों के हाथों में चला गया।
सिराजउद्दौला और ब्रिटिश
- 1756 में अलवर्दी खाँ की मृत्यु के बाद जब सिराजउद्दौला बंगाल का नवाब बना
- तो उसकी चाची घसीटी बेगम तथा उसके चचेरे भाई शौकत जंग ने इसका विरोध किया।
- इसके अलावा दरबार के शक्तिशाली गुट राज बल्लभ, राय दुर्लभ, मीर जाफर आदि ने सिराजउद्दौला की नवाबी का विरोध किया।
- इस आंतरिक असंतोष के अलावा भी अंग्रेजी कंपनी की बढ़ती व्यापारिक गतिविधियों ने भी नवाब सिराजउद्दौला के लिए संभावित मुश्किलें उत्पन्न की।
- कंपनी के मध्य रिश्ते और भी तनावपूर्ण हो गए।
मीर जाफर और अंग्रेज
- प्लासी की लड़ाई से पूर्व ही क्लाइव ने मीर जाफर को नबाब का पद देने का वादा करके उसे अपनी और मिला लिया।
- सिराजुद्दौला को हराने के बाद अंग्रेजों ने बंगाल की राजनीति में प्रवेश कर लिया।
- मीर जाफर को नवाब का पद दे दिया गया साथ ही उसे कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ा।
1) नियमित रूप से वेतन ना मिलने के कारण, मीर जाफर के सिपाहियों ने विद्रोह किया
2) मुगल बादशाह के पुत्र, आलम शाह द्वारा बंगाल के सिंहासन पर अधिकार करने का प्रयास करना
अंग्रेजों की सफलता का महत्व
- अंग्रेजों ने प्लासी का युद्ध ( 1757 ) में विजय प्राप्त की
- अंग्रेजों ने बक्सर का युद्ध ( 1765 ) में विजय प्राप्त की।
- प्लासी के युद्ध में विजय ने बंगाल के नवाबों की स्थिति कमजोर कर दी।
- लेकिन नवाब अभी भी सर्वोच्च अधिकारी थे लेकिन कंपनी के प्रभुत्व पर निर्भर थे।
- बक्सर के युद्ध में विजय के बाद अंग्रेजों ने बंगाल पर अपना पूर्ण राजनीतिक नियंत्रण स्थापित कर लिया।