Today Topic- BHIC- 133 ( महिलाएं और लैंगिक स्थिति ) Unit- 18 भारत का इतिहास C. 1206- 1707 / bhic- 133- mahilayen aur laingik sthiti- unit- 18 bharat ka itihas
Subject- IGNOU- BAG- 2nd year
परिचय
- 1206- 1750 के बिच की समय अवधि को मध्यकाल कहा जाता है।
- इस काल में दिल्ली सल्तनत और मुगल वंश का शासन रहा।
- इस काल में पुरुष प्रधान समाज ने महिलाओं से संबंधित स्रोतों पर बहुत कम ध्यान दिया।
- लेकिन अब अनेक इतिहासकारो ने महिलाओं की भूमिका का खुलासा करने का प्रयास कर रहे हैं।
- इस अध्याय में हम भारत में महिलाओं और उनकी स्थिति के बारे में चर्चा करेंगे।
दिल्ली सल्तनत के काल में महिलाएं और लैंगिक स्थिति
- तुर्की महिलाएं स्थानीय समुदायों के महिलाओं की तुलना में अधिक आजाद थी।
- दास लड़कियों को युद्ध में उपहार के रूप में खरीद कर प्राप्त किया जाता था।
- शिक्षा और कौशल के कमी के कारण घरेलू दासियां घरेलू काम और जासूसी के काम में लगी हुई थी।
- सल्तनतकाल में बादशाह से जुड़ी महिलाओं का एक बड़ा समूह हरम कहलाता था
- ( हरम )- किसी एक पुरुष की अनेक स्त्रियों के साथ रहने के स्थान को हरम कहते थे।
- फिरोजशाह तुगलक ने महिलाओं को पवित्र स्थलों में जाने पर पाबंदी लगा दी थी।
महिलाएं और राजनैतिक सत्ता
इसके अंदर हम रजिया सुल्तान, नायिका देवी और रुद्रमा देवी कि प्रशासन संबंधी योग्यताओं के बारे में बात करेंगे।
(रजिया सुल्तान)
- इल्लतुतमिश ने दिल्ली सल्तनत के लिए अपने 4 बच्चों में से एक रजिया को अपना उत्तराधिकारी बनाया
- क्योंकि वह इनको इस योग्य समझते थे
- वह भी इस समय में जब राजनीतिक वातावरण में सिंहासन को एक पुरुष एकाधिकार माना जाता था।
- यह उस समय का एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है।
- रजिया सुल्तान उस समय की दक्षिण एशिया की पहली भारतीय महिला मुस्लिम शासक थी।
- दिल्ली के लोगों ने उनकी राजगद्दी को स्वीकार किया।
- लेकिन बहुत सारे लोग एक महिला शासक के विचार के साथ सामंजस्य नहीं बना सके।
- रजिया के पास सिंहासन को संभालने के लिए सभी पर्याप्त गुण थे।
- परंतु वह एक आदमी के रूप में पैदा नहीं हुई थी
- इस बात से हमें पुरुष वर्चस्व समाज की दोहरी मानसिकता का पता चलता है।
- किसी ने भी रजिया की क्षमता पर सवाल नहीं उठाया लेकिन नाराजगी थी क्योंकि एक महिला शासक थी
- तुर्की विद्रोह के कारण रजिया की हार हुई और शीघ्र ही उनकी मृत्यु हो गई।
- लेकिन यह बात सत्य है कि रजिया महिला होने के बाद भी इल्लतुतमिश उत्तराधिकारीयों में सबसे योग्य मानी जाती है।
(नायिका देवी और रुद्रमा देवी)
- हिंदू शाही परिवारों ने भी इस काल के सामाजिक और राजनीतिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है
- गुजरात के शासक मूलराज द्वितीय की मां नायिका देवी के बारे में बात करते हैं।
- इन्होंने अपने पति की मृत्यु के बाद अपने नाबालिग पुत्र को संभालते हुए राज्य संरक्षक के रूप में सक्रिय भूमिका निभाई हैं ।
- साथ ही मोहम्मद गोरी को हराया भी था।
( दूसरा उदाहरण )
- काकतीय राजवंश से संबंधित रुद्रमा देवी
- उनके कुशल सैन्य तथा प्रशासनिक संचालन के लिए उनको योद्धा रानी के रूप में भी जाना जाता है।
- उनके पिता राजा गणपति ने उन्हें साम्राज्य के शासक के रूप में नियुक्त किया था
- रुद्रमादेवी ने विद्रोहियों को हराकर साम्राज्य की सुरक्षा की थी
- वेनिस यात्री मार्को पोलो ने रुद्रमा देवी को विवेकशील महिला के रूप में वर्णित किया है।
महिलाओं की स्थिति
- महिलाओं ने शांति स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- हुमायूं अक्सर अपने भाइयों के साथ सिंहासन पर संघर्ष करता रहता था
- उसके दौरान उसने घर की बुजुर्ग महिलाओं से सलाह भी ली थी
- अपने अनुभव और ज्ञान के कारण बुजुर्ग महिलाओं ने एक ऊंचा स्थान हासिल किया था।
- हमेशा सभी वर्गों में बहुपत्नी, दहेज, स्त्रियों को बेचना इस प्रकार की बुराइयां प्रचलित थी।
मुगलकाल की प्रभावशाली महिलाएं
- मुगल साम्राज्य में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका थी
- उदाहरण के लिए 1581 में जब अकबर के सौतेले भाई मोहम्मद आकिब मिर्जा ने विद्रोह किया
- तो अकबर ने विद्रोह को शांत करने के लिए अपनी मां और बहनों को मुगल प्रदेशों का भार सौंप दिया था।
- शाहजहां की 18 वर्षीय बेटी जहांआरा को 'पादशाह' बेगम कहा जाता है और इनके पास बहुत सारी संपत्ति थी।
- इसके अलावा शाही मुगल महिलाओं ने कई इमारतों तथा संरचनाओं का निर्माण भी करवाया था।
- तीस हजारी बाग, रोशनआरा बाग, फतेहपुरी मस्जिद
(नूरजहां)
- नूरजहां चौथे मुगल सम्राट जहांगीर की पत्नी थी।
- उन्हें फरमान जारी करने का अधिकार प्राप्त था, साथ ही उनके नाम पर सिक्के भी जारी किए जाते थे।
- नूरजहां ने विदेशी व्यापार में निवेश भी कर रखा था, साथ ही पुर्तगालियों और डच व्यापारियों के साथ व्यापार भी किया था।
(चांद बीबी)
- चांदबीबी अहमदनगर की राजकुमारी थी
- चांद बीबी रणनीतिक कौशल और सैन्य क्षमताओं के लिए जानी जाती थी।
- अंत में उनकी हत्या हो गई लेकिन उन्हें अपनी वीरता और क्षमताओं के लिए याद किया जाता है।
(मीराबाई)
- मीराबाई को दुनिया की सबसे प्रसिद्ध भक्त कवियों के रूप में याद किया जाता है।
- उन्होंने अलग- अलग स्तरों पर होने वाले अन्यायो के खिलाफ आवाज उठाई थी
- मीराबाई राजपूत राजकुमारी थी उनके पति की मृत्यु के बाद उनके परिवारजनों ने उनको अत्यधिक परेशान किया था।
- लेकिन भगवान श्री कृष्ण के प्रति उनकी भक्ति बचपन से ही काफी विकसित हो चुकी थी
- वह घर से बाहर निकलकर मंदिरों में गाने और नृत्य करने लगी थी
- मीराबाई उन लोगों के खिलाफ थी जो महिलाओं के जीवन को सदैव नियंत्रित करने की कोशिश करते थे।
- 15 शताब्दी में गुरु नानक जैसे महान पुरुष नेताओं ने महिला समानता का समर्थन किया था।