Political institutions and process in comparative world Important Questions Sol Du Ncweb
राजनीतिक दल क्या है? इसके विभिन्न तत्वों की व्याख्या कीजिए एवं भारत में प्रमुख राजनीतिक दलों का वर्णन कीजिए
- राजनीतिक दल का अभिप्राय एक ऐसी संगठन से है जो संपूर्ण देश या समाज के व्यापक हितों को बढ़ावा देने के लिए कार्य करता है।
- यह निश्चित सिद्धांतों नीतियों एवं कार्यक्रमों का समर्थन करते हैं।
- यह निश्चित सिद्धांतों नीतियों एवं कार्यक्रमों का समर्थन करते हैं।
प्रमुख राजनीतिक दल
कॉन्ग्रेस
कांग्रेस की स्थापना एवं उनके द्वारा 1885 में की गई थी यह सबसे पुरानी पार्टी है। इसका मुख्य उद्देश्य स्वतंत्रता संग्राम को राष्ट्रीय मंच प्रदान करना था। कई बार इस पार्टी को विभाजन का सामना करना पड़ा 1960 में नरम दल गरम दल में विभाजित हुई 1969 में पुणे स्कोर विभाजन का सामना करना पड़ा।
कांग्रेस के प्रमुख दल
1. लोकतांत्रिक कांग्रेस
2. जन कांग्रेस
3. केरल कांग्रेस
4. बांग्ला कांग्रेस
5. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
6. कांग्रेस फॉर डेमोक्रेसी
7. तिवारी कांग्रेस
8. तृणमूल कांग्रेस
भारतीय जनता पार्टी
विचारात्मक भिन्नता के कारण श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1951 में जनसंघ की स्थापना की। इसे वीर सावरकर के हिंदुत्व के विचार से जोड़ा गया। हिंदुत्व के कारण इसे अन्य हिंदू संगठनों ने समर्थन दिया जैसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ , बजरंग दल , विश्व हिंदू परिषद आदि।
6 अप्रैल 1980 को लालकृष्ण आडवाणी द्वारा भारतीय जनता पार्टी की स्थापना की गई। अटल बिहारी वाजपेई को अध्यक्ष और लालकृष्ण आडवाणी तथा मुरली मनोहर जोशी को महासचिव बनाया गया। वीर सावरकर और दीनदयाल उपाध्याय को आदर्श मानकर इन के विचारों को आगे बढ़ाने का कार्य किया गया सत्ता में बने रहने के लिए इस तरह अपने सिद्धांतों से समझौता भी किया।
जनता पार्टी
जनवरी 1969 में जयप्रकाश नारायण द्वारा जनता पार्टी का गठन हुआ। यह संपूर्ण क्रांति द्वारा देश में सत्ता विरोधी माहौल का एक परिणाम था। इस दल में मूल रूप से गैर कांग्रेसी एवं गैर साम्यवादी दल शामिल थे इस दल द्वारा भारत में पहली गैर कांग्रेसी सरकार बनी अलग परिस्थितियों के कारण इसमें मतभेद उत्पन्न हो गए। अलग-अलग दलों ने प्रदेशों में दलों का रूप ले लिया इन दलों का मुख्य जनाधार अन्य पिछड़ा वर्ग है।
वामपंथी दल
26 दिसंबर 1925 को भारतीय साम्यवादी दल की स्थापना की गई। भारत में साम्यवादी दल की अलग कार्य पद्धति एवं उद्देश्य हैं। भारत में साम्यवादी दल लोकतंत्र एवं निर्वाचन में विश्वास करते हैं शुरू में इसने कांग्रेस के साथ मिलकर कार्य करना शुरू किया। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दोनों दलों के दृष्टिकोण में अंतर आ गया पश्चिम बंगाल केरल एवं त्रिपुरा में साम्यवादी दल का प्रभाव ज्यादा है 2004 के आम चुनावों में कांग्रेस को समर्थन दिया।
भारत में दलीय व्यवस्था के विभिन्न चरणों को स्पष्ट कीजिए
प्रथम चरण स्वतंत्रता पूर्व
19वीं शताब्दी के आरंभ में सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आंदोलन शुरू हुए। इन आंदोलनों ने भारतीय जनमानस में जागरूकता बढ़ाई। 1885 में कांग्रेस का गठन हुआ और 1906 में मुस्लिम लीग की स्थापना की गई। 1909 में हिंदू महासभा का गठन हुआ स्वतंत्रता पूर्व दलीय व्यवस्था एक आंदोलन के रूप में थी जिसका मूल उद्देश्य राष्ट्रीय आंदोलन को दिशा देना था।
दूसरा चरण 1947 से 1967 तक
स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस सत्ता में आई कांग्रेस केंद्र एवं राज्य दोनों में लंबे समय तक शासन में रही। इसे कांग्रेस सिस्टम या एक दलीय प्रभुत्व कहा गया। प्रथम दो आम चुनावों में इसे पूर्ण बहुमत मिला लगभग सभी राज्यों में सबसे बड़ा राजनीतिक दल था।
तीसरा चरण 1967 से 1977 तक
1967 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 8 राज्यों में हार गई। 1971 में लोकसभा ने स्थिति मजबूत कर 1972 में विधानसभा के चुनावों में जबरदस्त वापसी की इस प्रकार इंदिरा गांधी ने कांग्रेस को पुनर्स्थापित किया।
चौथा चरण 1977 से 1989 तक
आपातकाल के बाद छठी आम चुनावों में कांग्रेस हार गई। संगठित विपक्षी दल कांग्रेस को चुनौती दे रहा था। 1977 के बाद एक दलीय प्रभुत्व का दौर समाप्त हो गया जनता पार्टी सत्ता में आई। यह स्थिति लंबे समय तक नहीं चली और सरकार गिर गई 1980 में कांग्रेस की फिर वापसी हुई। 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए चुनाव में कांग्रेस को भारी बहुमत मिला।
पांचवा चरण 1989 से अब तक
1989 का चुनाव भारतीय राजनीति का परिवर्तन बिंदु माना जाता है। इस समय भारत में कई बड़े परिवर्तन हुए जैसे राज्यों की संख्या में वृद्धि मतदान व्यवहार में परिवर्तन आदि। कांग्रेस और भाजपा दो महत्वपूर्ण दल अस्तित्व में थी 2014 और 19 के आम चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत प्राप्त था परंतु उसने अपने सहयोगी दलों के साथ सरकार बनाई।
दलीय प्रणाली क्या है एवं उसके विविध स्वरूपों की चर्चा कीजिए
एक दलीय व्यवस्था