BHDLA- 137 ( उच्चरित और लिखित भाषा: संप्रेषण के तत्व ) Unit- 2 हिंदी भाषा सम्प्रेषण कौशल

Today Topic- BHDLA- 137 ( उच्चरित और लिखित भाषा: संप्रेषण के तत्व  ) Unit- 2 हिंदी भाषा सम्प्रेषण कौशल

Subject- IGNOU- BAG- 2nd year 

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परिचय

  • मनुष्य भाषा द्वारा अपने विचारों का आदान प्रदान करता है यही प्रक्रिया संप्रेषण (communication ) कहलाता है
  • मनुष्य अपने विचारों को उच्चरित तथा लिखित दोनों रूप में आदान- प्रदान कर सकता है 
  • उच्चरित और लिखित भाषा पर तुलनात्मक दृष्टि से विचार करें
  • तो इन दोनों के अंतर को समझा जा सकता है उच्चरित रूप से ही लिखित रूप का विकास होता है

उच्चरित भाषा की प्रकृति

  • अपनी बात दूसरे तक पहुंचाने के लिए हम बोलकर या लिखकर अपनी बात पहुंचा सकते हैं
  • उच्चारित के माध्यम से संप्रेषण के लिए जरूरी है कि सुनने वाला सामने हो
  • उच्चरित भाषा को परंपरागत रूप में वाक् (speech) नाम से भी जाना जाता है
  • अपनी बात कहने के लिए मनुष्य के पास उच्चरित भाषा होती है।

लिखित भाषा की प्रकृति

  • लिखि भाषा रचनात्मक साहित्य का माध्यम होती है
  • लिखित भाषा समाज में अपना एक विशिष्ट स्थान रखती है
  • मानव सभ्यता के विकास पर लेखन का गहरा प्रभाव है,
  • भाषा का लिखित रूप हमारी सभ्यता का परिणाम है।

उच्चरित और लिखित भाषा के भेद

  • उच्चरित भाषा में ध्वन्यात्मक इकाइयों का प्रयोग किया जाता है
  • उच्चरित भाषा के उत्पादन में वायु फेफड़ों से निकलकर बाहर आती है और मुख के अलग-अलग उच्चारण स्थान पर उस वायु को निकलने में रुकावट उत्पन्न होती है
  • उच्चरित भाषा का प्रभाव लिखित भाषा में भी मिलता है। 
  • भाषा के विकास के समय उच्चरित रूप की प्रधानता रहती है।
  • लिखित भाषा में लेकिमीय इकाइयों का प्रयोग किया जाता है। 
  • लिखित भाषा में ध्वनियों का लिखित चिन्हों द्वारा प्रयोग किया जाता है
  • बोलते समय प्राप्तकर्ता आमने- सामने होता है लेकिन लिखित भाषा में हमेशा लेखक से प्राप्तकर्ता दूर होता है।

उच्चरित और लिखित भाषा की विशेषताएं

  • लिखित रूप को हम लंबे समय तक सुरक्षित रख सकते हैं
  • लिखित रूप माध्यम के द्वारा बहुत दूर तक जा सकता है
  • लेकिन उच्चरित मानव स्वर बहुत दूर तक नहीं जा सकता बिना किसी उपकरण के
  • लिखित भाषा की गोपनीयता हमेशा बनी रहती है
  • मौखिक भाषा का यह फायदा है कि इसमें हाव- भाव का प्रयोग कर सकते हैं।

उच्चरित भाषा के प्रकार्य 

  • मानव के संप्रेषण के लिए उच्चरित भाषा ही मूलभूत होती है
  • क्योंकि समाज में उच्चरित भाषा बोलने वालों की संख्या लिखने पढ़ने वालों की तुलना में अधिक है
    जैसे- लिखित हिंदी में अंग्रेजी के शब्दों का प्रयोग होना। 
  • मुख्यता सभी लोग उच्चारित भाषा का ही प्रयोग करते हैं। दैनिक जीवन में

लिखित भाषा के प्रकार्य

  • लिखित भाषा में सूचनाओं को लंबे समय तक संगठन करना सरल होता है 
  • प्राचीन काल से ही महत्वपूर्ण जानकारियों को लिखित रूप में रखा गया था
  • लिखित भाषा की जानकारियां ज्यादा परिवर्तित नहीं होती
  • परंतु लोगों द्वारा मौखिक रूप से सुनाई गई कहानियों में परिवर्तन पाया जाता है। 
  • लोग मौखिक शब्दों की तुलना में लिखित शब्दों पर अत्यधिक विश्वास करते हैं

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