Today Topic- BHDLA- 137 ( सर्जनात्मक लेखन की भाषा ) Unit- 10 हिंदी भाषा सम्प्रेषण कौशल
Subject- IGNOU- BAG- 2nd year
परिचय
- सर्जनात्मक लेखन की भाषा में शब्दों का हर प्रयोग नवीन अर्थ देता है।
- इस इकाई में सर्जनात्मक लेखन और संस्कृति के संबंध के बीच रिश्ते की पहचान होती है।
- इस अध्याय में हम सर्जनात्मक लेखन की विशेषता, गद्य लेखन, पद्य लेखन आदि का अध्ययन करेंगे।
सर्जनात्मक लेखन की विशिष्टता
- सर्जनात्मक लेखन ( क्रिएटिव राइटिंग ) में सामाजिक स्थितियों को और घटनाओं के विषय में लिखते हैं
- उसी प्रकार से वह अपने लेखन में हृदय के निकट विषयों को प्रकाशित कर सकते हैं
- विज्ञापन भी एक अन्य प्रकार का सर्जनात्मक लेखन ही होता है
- एक लेखक अपनी संस्कृति से ही अनुभूतियां प्राप्त करता है और
- वह अपनी रचना में उसे उतारता है यही सर्जनात्मक लेखन की सफलता है
गद्य लेखन
- सर्जनात्मक लेखन को गद्य लेखन और पद्य लेखन में बांटा गया है
- कहानी, उपन्यास, निबंध और नाटक सर्जनात्मक गद्य लेखन कहे जाते हैं
- गद्य लेखन का संबंध समाज से अधिक होता है
पद्य लेखन
- पद्य लेखन के अंतर्गत कविता, गीत आदि लिखा जाता है
- गद्य लेखन में अलंकारों का प्रयोग नहीं होता
- लेकिन पद्य लेखन में अलंकारों का प्रयोग खूब होता है
- गद्य की रचनाओं को हम सीधा सपाट- पढ़ सकते हैं
- आपको जानकर हैरानी होगी कि पद्य लेखन की शुरुआत गद्य लेखन से काफी पहले हुई थी
- महाभारत से लेकर बहुत सारी रचनाएं पद्य लेखन में ही हुई थी
बोलचाल की भाषा और लिखित भाषा
- बोलचाल की भाषा वह भाषा होती है जो सामान्य रूप से बोली जाती है
अथवा जैसे सामान्य लोग बोलते हैं - वर्तमान हिंदी गद्य, पद्य की भाषा आम बोलचाल की भाषा नहीं होती है
- बोलचाल की भाषा का संबंध भाषा के मौखिक रूप से होता है।
- किंतु लिखित भाषा में अर्थ ध्वनि आधारित नहीं होते
- लिखते समय भाषा विषय के अनुसार बदल जाती है
- मुद्रण कला के विकास से लिखित भाषा और साहित्य का रिश्ता बदल गया है
- पहले श्रोता और कवि के बीच जीवंत संबंध होता था।
फीचर की भाषा
- फीचर समाचार पत्रों में प्रकाशित होने वाला किसी विशेष घटना, व्यक्ति, जीव जंतु,
त्योहार से संबंधित व्यक्तिगत अनुभूतियों पर आधारित विशेष आलेख होता है। - जो सर्जनात्मक कौशल के साथ प्रस्तुत किया जाता है
- फीचर किसी रोचक विषय पर मनोरंजक ढंग से भी लिखा जाता है।
- फीचर समाचार पत्रों में छपता है
- समाचार पत्रों की पहुंच अधिक शिक्षित और कम शिक्षित दोनों प्रकार के लोगों तक होती है।