BHDLA- 137 ( संवाद कला के विभिन्न पक्ष ) Unit- 6 हिंदी भाषा सम्प्रेषण कौशल

Today Topic- BHDLA- 137 ( संवाद कला के विभिन्न पक्ष ) Unit- 6 हिंदी भाषा सम्प्रेषण कौशल

Subject- IGNOU- BAG- 2nd year 

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परिचय

  • जब दो या दो से अधिक व्यक्ति आपस में बातचीत करते हैं तो उसे संवाद कहते हैं।
  • संवाद के लिए दो या दो से अधिक व्यक्तियों का होना अति आवश्यक है।
  • बोलने वाले को वक्ता और सुनने वाले को श्रोता कहते हैं, संवाद दो प्रकार के होते हैं औपचारिक और अनौपचारिक 
  • वक्ता किस प्रकार से बोलता है, क्या बोलता है इन सभी बातों का असर वक्ता के व्यक्तित्व और जीवन पर भी पड़ता है।

संवाद: स्वरूप और प्रकार

  • संवाद संप्रेषण का प्रमुख आधार है। बच्चा जब धीरे- धीरे बड़ा होता है तो वह बोलना सीखता है 
  • बच्चा अपने परिवार और समाज से भाषा सीखता है उसके बाद स्कूल में औपचारिक संवाद की प्रक्रिया शुरू कर देता है
  • इसके बाद बच्चा लिखित भाषा में पत्र लेखन, निबंध लेखन, प्रश्नोत्तर आदि का अभ्यास करता है
  • व्यक्तिगत संवाद में भी अनौपचारिकता  अथवा औपचारिकता दोनों हो सकती है
  • जैसे दो मित्रों, भाइयों और परिवार के सदस्य आदि से संवाद अनौपचारिक होता है
  • तो दूसरी तरफ शिक्षक, नौकरी के लिए संवाद किसी अधिकारी से संवाद औपचारिक होता है।

संवाद की संरचना

  • परिवार के सदस्यों के बीच अनौपचारिक संवाद कभी भी शुरू हो सकता है
  • यदि कोई बाहर से मित्र पड़ोसी आता है तो हाल- चाल पूछने के लिए संवाद आरंभ हो जाता है। 
  • औपचारिक संवाद कार्यालय, किसी अधिकारी अथवा ऐसे व्यक्ति से होता है
  • जिससे हम किसी विशेष कार्य के लिए मिलते हैं, कार्यालय में औपचारिक संवाद की एक कार्यसूची होती है
  • जिन्हें जिसके अनुसार ही संवाद शुरू होता है

संवाद की औपचारिकताएं

अभिवादन

  • दो व्यक्तियों के मिलने पर संवाद अभिवादन से शुरू होता है वक्ता, श्रोता की आयु, पद, धर्म आदि बातों पर अभिवादन की भाषा और शैली निर्भर करती है
  • संबंधी और बड़े भाई को प्रणाम किया जाता है और छोटे को आशीर्वाद दिया जाता है।

परिचय करना

  • संवाद को आगे बढ़ाने से पहले छोटा सा परिचय किया जाता है जिसमें आयु, पद, आदि के बारे में बताया जाता है
  • औपचारिक संवाद की स्थिति में सभी लोग अपना अपना परिचय देते हैं साथ ही संस्था, कार्य आदि के बारे में बताते हैं

विनम्र निवेदन

  • किसी अपरिचित व्यक्ति से सूचना लेने के लिए हमें विनम्रता का प्रदर्शन करना अति आवश्यक होता है।
  • कुछ भी पूछने के लिए हमें अनुरोध/ निवेदन आदि शब्दों का प्रयोग करना होता है।

विदा लेना

  • जब संवाद के चलते वक्त ही एक व्यक्ति दूसरे काम के लिए बाहर जाता है
  • तो बातचीत के दौरान उसे विदा लेते समय संबोधन के साथ विदाई की शब्दावली का प्रयोग करते हैं

संवाद की भाषा- शैली

  • जैसे कि हमें पता है संवाद औपचारिक तथा अनौपचारिक दोनों प्रकार के होते हैं
  • श्रोता की सामाजिक स्थिति, आयु, लिंग, धर्म मानसिक स्थिति अलग- अलग होती है
  • संवाद करते समय इन सभी चीजों को ध्यान में रखकर ही संवाद होता है
  • औपचारिक भाषा और सामान्य भाषा की शब्दावली तथा वाक्य संरचना भी अलग-अलग होती है

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