BHDLA- 137 ( संचार के लिए लेखन ) Unit- 8 हिंदी भाषा सम्प्रेषण कौशल
Subject- IGNOU- BAG- 2nd year
परिचय
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में संचार मानव जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। संचार से मानव के दैनिक जीवन से जुड़े बहुत सारे कार्य होते हैं। संचार से अभिप्राय है अलग- अलग प्रकार के संदेशों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजना। संचार के माध्यमों में रेडियो, टेलीविजन, समाचार पत्र, इंटरनेट आदि है
जनसंचार माध्यमों का स्वरूप
संचार का ही विस्तृत रूप जनसंचार है शिक्षा ने विज्ञान को जन्म दिया और विज्ञान ने जन संचार के आधुनिक साधनों को इनमें 'समाचार पत्र' जनसंचार का व्यापक माध्यम रहा है उदन्त मार्तण्ड हिंदी भाषा प्रथम समाचार पत्र था। सामान्य रूप से समाज को ज्यादा से ज्यादा सूचना फैलाने के संचार माध्यमों को तीन भागों में बांटा गया है।
1) शब्द संचार माध्यम- समाचार पत्र, पुस्तकें आदि
2) श्रव्य संचार माध्यम- रेडियो, ऑडियो कैसेट
3) दृश्य संचार माध्यम- टेलीविजन, वीडियो कैसेट
संचार प्रक्रिया में जो संदेश देने वाला है उसे संचारक कहते हैं और जो संदेश प्राप्त करने वाला है उसे प्रापक कहते हैं संचार की प्रक्रिया में भाषा एक माध्यम है, समाचार पत्र में भी संदेश भाषा के माध्यम से भेजते हैं जब आप रेडियो पर समाचार सुनते हो तो वहां भी आप तक संदेश भाषा के माध्यम से ही पहुंचता है।
मुद्रित माध्यम
मुद्रित माध्यम अथार्थ सामान्य भाषा में प्रिंट माध्यम प्रिंट माध्यम जनसंचार के आधुनिक माध्यमों में से सबसे पुराना है आधुनिक युग की शुरुआत ही मुद्रण यानी छपाई के अविष्कार से हुई थी छपाई की शुरुआत चीन से हुई लेकिन आज हम जिस छापेखाने को देखते हैं उसके आविष्कार का श्रेय जर्मनी के गुटेनबर्ग को जाता है प्रेस के आविष्कार ने दुनिया की तस्वीर बदल दी। भारत में पहला छापाखाना सन 1556 में गोवा में खुला। इसे धर्म प्रचार की पुस्तके छापने के लिए खोला गया था। लेकिन तब से अब तक छपाई तकनीक में काफी बदलाव आया है और विस्तार भी हुआ है वर्तमान समय में प्रिंट माध्यम से अखबारों, पुस्तकों को छापा जाता है। हमारे दैनिक जीवन में इनका विशेष महत्व
प्रिंट माध्यमों की विशेषताएं निम्नलिखित हैं
हम इन्हें अपनी पसंद और इच्छा के अनुसार धीरे- धीरे पढ़ सकते हैं पढ़ते- पढ़ते कहीं भी रुक सोच- विचार कर सकते हैं।इन्हें बार बार पढ़ना आसान है और लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
मुद्रित माध्यमों की कमियां निम्नलिखित है
अशिक्षित के लिए मुद्रित माध्यम किसी काम की नहीं है यह रेडियो, टेलीविजन, इंटरनेट की तरह तुरंत खबर नहीं पहुंचा सकती
श्रव्य माध्यम
श्रव्य माध्यम सूचनाओं के प्रसार के लिए एक अच्छा माध्यम है लेकिन इसे सिर्फ सुना जा सकता है जिस प्रकार से प्रिंट माध्यम का लाभ केवल साक्षर लोग ले सकते हैं लेकिन श्रव्य माध्यम का लाभ कम पढ़े लिखे लोग भी ले सकते हैं पहले के समय के लिए रेडियो श्रव्य माध्यम का एक अच्छा उदाहरण था अभी भी बहुत सारे लोग रेडियो में समाचार सुनते हैं श्रव्य माध्यम में सूचनाओं को रिकॉर्ड करके रखा जा सकता है जिसे कभी भी अपनी मर्जी से सुन सकते हैं
दृश्य माध्यम
जनसंचार माध्यम का एक रूप है दृश्य माध्यम इस माध्यम से हमें चीजों को देखने को मिलता है जैसे कि नाटक, चित्र, मूर्तिकला, वास्तुकला, टेलीविजन आदि इसके जरिए ना हम समाचार पत्रों में हुए घटनाओं के बारे में सुन सकते हैं साथ ही उन घटनाओं के संबंधित चित्र भी देख सकते हैं जिन बातों को हम सुनकर या पढ़कर अच्छी तरह नहीं समझ पाते उन्हें हम देखकर आसानी से समझ सकते हैं
जनसंचार माध्यमों में भाषा का महत्व
जनसंचार माध्यमों में भाषा अत्यधिक महत्वपूर्ण माध्यम है दृश्य माध्यमों में भी भाषा के बिना सभी दृश्यों को समझा नहीं जा सकता मुद्रित और श्रव्य माध्यम में भाषा का प्रयोग करते हुए सावधानी और कुशलता की जरूरत होती है भारत में हिंदी राजभाषा, राष्ट्रभाषा, संपर्क भाषा सभी की भूमिका निभाती है टेलीविजन और सिनेमा में भी लोग अक्सर इसी भाषा को सुनते या बोलते हैं
READ MORE- BHDLA- 137 ( पत्र लेखन- औपचारिक ) Unit- 7