BHDLA- 137 ( संप्रेक्षण के मूल तत्व ) Unit- 1 हिंदी भाषा सम्प्रेषण कौशल

Today Topic- BHDLA- 137 ( संप्रेक्षण के मूल तत्व ) Unit- 1 हिंदी भाषा सम्प्रेषण कौशल

Subject- IGNOU- BAG- 2nd year 

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परिचय

  • संप्रेक्षण परस्पर विचारों एवं संदेशों के आदान- प्रदान की प्रक्रिया है।
  • संप्रेषण हमेशा बोलकर, लिखकर, हाव- भाव आदि द्वारा होता है
  • संप्रेक्षण मानव समाज की आवश्यकता है 
  • संप्रेषण के जरिए व्यक्तिगत जरूरत से लेकर मनोरंजन तक की सभी जरूरतें पूरी होती है।

संप्रेषण का अर्थ

  • संप्रेषण की परिभाषा सरल शब्दों में अगर हम बात करें तो
  • यह दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच विचारों, सोच अथवा सूचना का मौखिक, लिखित तथा संकेतो के माध्यम से आदान- प्रदान करने की प्रक्रिया है
  • जिसके अंदर संदेश एक पक्ष ने दूसरे पक्ष तक पहुंचाया जाता है इसके अंदर दो पक्ष होते हैं
  • प्रेषक और प्राप्तकर्ता
  • संदेश भेजने वाले को प्रेषक कहते हैं
  • संदेश प्राप्त करने वाले को प्राप्तकर्ता  कहते हैं 
  • संप्रेषण को उस समय पूरा समझा जाता है जब प्राप्तकर्ता संदेश को समझ लेता है
  • और फिर उस पर अपने विचार व्यक्त करता है या जवाब देता है।

संप्रेक्षण के विविध रूप

( मौखिक संप्रेषण )

  • संप्रेक्षण अधिकतर बोलकर किया जाता है इसमें मूल आधार भाषा होती है
  • मौखिक संप्रेषण एक ऐसा संप्रेषण होता है जिसमें हम बोलकर सूचनाओं का आदान प्रदान करते हैं 
  • इस संप्रेक्षण में यह माना जाता है कि संदेश भेजने वाला और ग्रहण करने वाला दोनों आमने- सामने होते हैं
  • लेकिन वर्तमान समय में यह टेलीफोन से भी संभव है।

आंगिक संप्रेक्षण

ध्वनि संकेत

  • इसमें विचारों भावनाओं को अभिव्यक्त करने के लिए छोटे- छोटे समूह में आमने सामने रहकर वाणी द्वारा व्यक्त किया जाता है 
  • जैसे कि बातचीत के बीच में हां, हूं आदि

स्पर्श करके

  • स्पर्श के माध्यम से भी व्यक्ति अपनी भावना एवं विचारों को व्यक्त कर सकता है


( लिखित संप्रेषण )

  • लिखित संप्रेषण में व्यक्ति लिखकर संदेश भेजता है संदेश भेजने वाला तथा प्राप्त करने वाला दोनों के पास लिखित रूप में होता है
  • इसके लिए हम सामान्य तौर पर कागज का इस्तेमाल करते हैं पत्र लिखने के लिए।

संप्रेक्षण के प्रयोजन

हम संप्रेक्षण के प्रयोजन को निम्नलिखित तरीके से समझ सकते हैं

( व्यक्तिगत जरूरत )

  • प्रतिदिन व्यक्ति अपनी अलग -अलग आवश्यकताओं के लिए अलग अलग तरीके से संप्रेषण करता है खाने के लिए, रहने के लिए, काम करने के लिए

( व्यक्तिगत संबंध )

  • किसी रिश्तेदार या दोस्त से मिलने पर भी व्यक्तिगत संबंध के अनुसार हम अपनी आंख, हाथ और हाव- भाव से भी दूसरों के साथ संबंध बनाने का प्रयास कर सकते हैं

( सूचना )

  • सूचना इकट्ठा करने का काम बचपन से ही शुरु रहता है और यह प्रक्रिया पूरे जीवन चलती रहती है

( आग्रह )

  • इसका सबसे अच्छा उदाहरण विज्ञापन है क्योंकि विज्ञापन के अंदर किसी वस्तु को खरीदने के लिए ग्राहक से आग्रह किया जाता है  इसमें रेडियो, टेलीविजन, समाचार पत्रों में शैंपू, टूथपेस्ट, डिटर्जेंट पाउडर आदि का विज्ञापन किया जाता है 

( मनोरंजन )

  • मनोरंजन से जीवन में तनाव कम हो जाता है मनोरंजन के लिए लोग सिनेमा देखने जाते हैं, टेलीविजन देखते हैं घूमने फिरने जाते हैं और बहुत लोग पुस्तकें भी पढ़ते हैं।


संप्रेषण की प्रक्रिया

  • प्रेषक से प्राप्तकर्ता तक संदेश पहुंचाने की प्रक्रिया को संप्रेषण कहते हैं
  • संप्रेषण के 3 भाग होते हैं 
  • प्रेषक, संदेश, प्राप्तकर्ता
  • संप्रेक्षण प्रक्रिया में 9 तत्व प्रमुख रूप से शामिल होते हैं

1- स्रोत
2- वक्तृत्व क्षमता
3- संदेश
4- माध्यम
5- प्राप्तकर्ता
6- संदेश प्राप्ति
7- प्रतिक्रिया
8- संदर्भ
9- जीवन मूल्य और दृष्टकोण।


( स्रोत )

  • स्रोत सही संदेश का जन्म होता है स्रोत कोई भी हो सकता है जो अपने विचारों को अभिव्यक्त करने के लिए भाषा का उपयोग कर रहे हैं
  • मौखिक संप्रेषण में स्रोत को वक्ता कहते हैं

(वक्तृत्व क्षमता )

  • वक्ता की भाषा विचारों को स्पष्टता से अभिव्यक्त कर पाने और श्रोता को उसका संदेश समझ सकने योग्य होना चाहिए

(संदेश )

  • संदेश लिखित हो सकता है और मौखिक भी  
  • आवाज के उतार- चढ़ाव गति से भावनाएं परिवर्तन भी हो सकता है
  • उदाहरण के लिए ( जाओ ) एक शब्द है
  • लेकिन इसको कहने के अंदाज़ से इसका अर्थ बदल जाता है यह एक आदेश, अनुमति, क्रोध को भी दर्शाता है

(माध्यम )

  • संदेश को प्राप्तकर्ता के पास पहुंचाने के लिए एक माध्यम की आवश्यकता होती है
  • जैसे कि मौखिक संप्रेषण हवा के माध्यम से वक्ता से श्रोता तक पहुंचता है
  • उसी प्रकार टेलीफोन का संदेश सेटेलाइट के माध्यम से पहुंचती है

(प्राप्तकर्ता )

  • संदेश को प्राप्त करने वाले को प्राप्तकर्ता कहते हैं
  • उदाहरण के लिए कोई एक व्यक्ति स्वस्थ रहने के नियमों की सलाह दे रहा है
  • तो दूसरा व्यक्ति जो उसे सुनकर उसे प्रभावित हो रहा है वह प्राप्तकर्ता है

(संदेश प्राप्ति )

  • संदेश प्राप्ति का अर्थ है प्राप्तकर्ता द्वारा भेजे गए संदेश और विचारों को डालने की प्रक्रिया है अंग्रेजी में इसे Decoding कहां जाता है
  • जिसमें श्रोता वक्ता द्वारा भेजे गए संदेश को उसी तरह समझता है जिस तरह वक्ता कहना चाहता है।

(प्रतिक्रिया )

  • वक्ता और श्रोता के बीच संवाद या आपसी बातचीत से ही संप्रेषण की प्रक्रिया पूरी हो जाती है
  • श्रोता द्वारा वक्ता को भेजे गए संदेश को 'प्रतिक्रिया' या 'फीडबैक' भी कहते हैं 
  • आमने सामने संप्रेक्षण करने से यह प्रतिक्रिया तुरंत हो जाती है
  • लेकिन संदेश भेजने पर यह तुरंत नहीं होती इसमें थोड़ा सा समय लगता है।

(संदर्भ )

  • संप्रेक्षण का संदर्भ शारीरिक, मनोवैज्ञानिक अथवा सांस्कृतिक हो सकता है
  • उदाहरण के लिए खेलते समय गिर जाने के कारण चोट लग जाने पर मुंह से दुःख भरे शब्द या आह मां जैसी ध्वनि निकल सकती है। इस समय हम केवल अपने आप से ही बात नहीं कर रहे हैं बल्कि दूसरों तक भी अपना संदेश पहुंचा रहे हैं

(जीवन मूल्य और दृष्टिकोण )

  • वक्ता के जीवन मूल्य और दृष्टिकोण का भी उसके शब्दों के चुनाव आदि पर प्रभाव पड़ता है।


सफल संप्रेक्षण

  • कई बार ऐसा होता है जो हम कहना चाहते हैं उसके लिए हमें सही शब्द नहीं मिल पाते
  • और हमारी बात दूसरे तक ठीक प्रकार से पहुंच नहीं पाती इसकी वजह से सुनने वाला समझ कुछ और लेता है
  • जिसके कारण कई बार मनमुटाव होने की संभावना होती है।
  • सफल संप्रेक्षण वह होता है जिसके अंदर वक्ता जो भी कहना चाहता है
  • श्रोता उसे उसी रूप में ग्रहण करें तो यह सफल संप्रेषण माना जाता है

सफल संप्रेषण में बाधा अनेक कारणों से आती है

( गलत संदेश )

  • अगर सही शब्द का प्रयोग ना किया जाए तो सफल संप्रेक्षण नहीं हो पाता सफल संप्रेषण के लिए भाषा स्पष्ट होने के साथ- साथ शब्दों का चयन भी सोच समझ कर करना चाहिए। 

( गलत शब्दों का चुनाव )

  • एक भी गलत शब्दों का चुनाव संबंधों में दरार बना सकती है, काम भी बिगाड़ सकती है अथवा स्थिति को हास्यास्पद भी हो सकती है 

( सुनना और समझना )

  • कई बार बात को ध्यान से नहीं सुनने पर भी अथवा लिखित संदेश को ध्यान से ना पढ़ने पर भी संदेश का संप्रेक्षण अधूरा रह सकता है।  फोन पर बातचीत करते हुए आवाज सही ढंग से नहीं सुनाई देने पर भी संप्रेक्षण पूरा नहीं हो पाता।

( बोलने का ढंग )

  • बोलने के ढंग से भी संप्रेक्षण प्रभावित होता है ऊंची आवाज में चिल्ला कर बोलने से सही संदेश भी गलत संप्रेषण की संभावना को बढ़ा देते हैं 

भाषा ज्ञान

  • सफल संप्रेक्षण के लिए वक्ता और श्रोता की भाषा एक होना या एक दूसरे की भाषा जानना भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है

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