BHDLA- 137 ( कार्यालयी लेखन- रिपोर्ट और कार्यवृत्त ) Unit- 9 हिंदी भाषा सम्प्रेषण कौशल

BHDLA- 137 ( कार्यालयी लेखन- रिपोर्ट और कार्यवृत्त ) Unit- 9 हिंदी भाषा सम्प्रेषण कौशल

Subject- IGNOU- BAG- 2nd year


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परिचय

कार्य लेखन से हमारा तात्पर्य है कार्यालय में लेखन से संपन्न होने वाले कार्य सरल शब्दों में अगर हम बात करें तो कार्यालय में लिखित रूप में दर्ज किए जाने वाला कार्य कार्यालय लेखन कहलाता है।

कार्यालय लेखन

कार्यालय लेखन वह प्रक्रिया है जिसमें अलग- अलग कार्यालय में कार्य को संपन्न किया जाता है सभी कार्यालय में लेखन की प्रक्रिया अलग- अलग हो सकती है जैसे डाक विभाग में लेखन प्रक्रिया अलग होगी और जीवन बीमा निगम में अलग होगी

कार्यालय लेखन के मुख्य प्रकार

कार्यालय में कार्य की अलग- अलग प्रकार की रिपोर्ट तैयार की जाती है तथा कार्य की प्रगति के बारे में विवरण भरा जाता है कार्यालय में बैठक के बाद उसका कार्यवृत तैयार किया जाता है।

रिपोर्ट ( प्रतिवेदन )

प्रतिवेदन वह लिखित सामग्री है जो किसी घटना, कार्य योजना, समारोह आदि के बारे में प्रत्यक्ष देखकर या छानबीन करके तैयार की जाती है उसे ही प्रतिवेदन या रिपोर्ट कहते हैं थाने में किसी दुर्घटना, अपराध, चोरी की शिकायत के लिए प्रतिवेदन कक्ष ( Reporting Room ) बने होते हैं

प्रतिवेदन के प्रकार 

सरकारी या गैर सरकारी कर्मचारी समय- समय पर किसी कार्य घटना का प्रतिवेदन अपने से बड़े अफसर को देते रहते हैं समाचार पत्रों में काम करने वाले संवाददाता भी अपने से बड़े प्रधान संपादक को प्रतिवेदन लिख कर भेजते रहते हैं स्कूल के अध्यापक भी विद्यार्थियों कि कई प्रकार की सूचना प्रधानाचार्य को प्रतिवेदन के रूप में लिख कर भेजते हैं गांव का मुखिया भी अपने गांव का प्रतिवेदन लिखकर सरकार को भेजता है प्रतिवेदन के सामान्य तौर पर तीन प्रकार होते हैं

1. व्यक्तिगत प्रतिवेदन

व्यक्तिगत प्रतिवेदन के अंदर व्यक्ति अपने जीवन के किसी संबंध के बारे में लिखता है यह प्रतिवेदन कभी-कभी डायरी का रूप भी ले लेता है। 

2. संगठनात्मक प्रतिवेदन

इस प्रतिवेदन के अंतर्गत व्यक्ति किसी संस्था, सभा, बैठक इत्यादि का विवरण देता है यह प्रतिवेदन मासिक या वार्षिक भी हो सकता है

3. विवरणात्मक प्रतिवेदन

यह प्रतिवेदन किसी कार्य, योजना, घटना, स्थिति का प्रतिवेदन होता है इसमें किसी संस्था की वार्षिक उपलब्धि के बारे में भी लिख सकते हैं

प्रतिवेदन की विशेषताएं 

1) प्रतिवेदन में किसी घटना की मुख्य बातों को लिखा जाता है

2) प्रतिवेदन में बातें एक क्रम में लिखी जाती हैं

3) प्रतिवेदन में सारी बातें सरल और स्पष्ट होती है जिसे समझने में आसानी हो

4) प्रतिवेदन सच्ची बातों का विवरण होता है

कार्यवृत्त 

कार्यवृत्त चल रही मीटिंग के दौरान लिखा गया ब्यौरा होता है इसमें शामिल होता है उपस्थित लोगों की सूची उन लोगों ने क्या मुद्दे उठाए मुद्दों को हल करने के लिए क्या कदम उठाए गए अंतिम फैसला क्या था उसे शामिल किया जाता है समय सीमा के साथ कौन से कार्य, किसको सौपे गए हैं यह सभी बातें इन सभी चीजों का हिसाब- किताब कार्यवृत्त के अंतर्गत रखा जाता है।

कार्यवृत्त : लेखन प्रक्रिया

कार्यवृत्त लिखित रूप में तैयार किया जाता है। बैठक के दौरान किस चीज पर चर्चा हुई है यह लिखा जाता है किसी उद्देश्य के ऊपर क्या निर्णय लिए गए हैं यह लिखा जाता है।

विशेष ध्यान रखा जाता है लिखते समय

1. सभी विषय पर चर्चा के बाद लिए गए निर्णय स्पष्ट रूप से लिखे होने चाहिए

2. विषय के सामने कार्यवाही करने वाले अधिकारी का नाम होना चाहिए बैठक में उपस्थित और अनुपस्थित सभी सदस्यों का नाम लिखा होना चाहिए


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