Today Topic- BHDLA- 137 ( भाषिक कला के विभिन्न पक्ष ) Unit- 5 हिंदी भाषा सम्प्रेषण कौशल
Subject- IGNOU- BAG- 2nd year
परिचय
- भाषा वह साधन है जिसके द्वारा हम अपने विचारों को प्रकट करते हैं और संप्रेषण करते हैं
- संप्रेषण के तीन रूप हमारे सामने हैं लिखित, मौखिक और आंगिक
- लिखित भाषा में हम शब्दों को लिखकर अपने विचार प्रकट करते हैं, मौखिक भाषा में हम बोलकर अपने विचार प्रकट करते हैं
- और आंगिक भाषा में हम अंगों के संचालन द्वारा संप्रेषण करते हैं मौन रूप से।
- भाषा का प्रयोग किस बात पर सबसे अधिक महत्व रखता है इस बाद निर्भर करता है कि भाषा का उपयोग किसके समक्ष किया जा रहा है
- उसकी स्थिति क्या है, विषय क्या है, उद्देश्य क्या है आदि
भाषा : संप्रेक्षण का सशक्त माध्यम
- भाषा संप्रेषण का मूल आधार माना जाता है
- समाज में व्यक्ति और समाज के बीच आदान- प्रदान का साधन भाषा ही है
- भाषा में लगातार नए शब्द जुड़ते जाते हैं
- क्योंकि समाज में लगातार भाषा के प्रयोग होने से उसमें मुहावरे, शब्द और पहेलियाँ जुड़ती जाती है
- अर्थात बदलाव ही भाषा का मूल प्रकृति है
भाषा के उपयोग
भाषा के कई सारे महत्वपूर्ण उपयोग हैं
1- सूचित करना
2- आग्रह करना
3- मनोरंजन करना
4- कार्य करना
5- संबंध बनाना
- भाषा के द्वारा हम बहुत सारी चीजों की सूचना दे सकते हैं
- जैसे कि विद्यार्थी की तबीयत खराब होने के कारण स्कूल में अवकाश पत्र देकर पहले से सूचित कर देना
- बड़ी- बड़ी कंपनियां ग्राहकों से सामान खरीदने के लिए विज्ञापन द्वारा आग्रह करती है।
- भाषा मनोरंजन का भी प्रमुख साधन है जिसमें गाना सुनना, उपन्यास पढ़ना आदि शामिल होते हैं
- भाषा के द्वारा कार्य भी सरल हो जाते हैं सभी कार्य को करने के लिए भाषा की आवश्यकता होती है
- भाषा के प्रयोग से ही हम अपने नए संबंध स्थापित करते हैं
- जिसके विचार हमसे मिलते हैं तो हम उसके साथ मित्रता का संबंध स्थापित करते हैं।
भाषा का व्यवहारिक पक्ष
( वक्ता )
- भाषा का रंग रूप, आकार प्रकार सब कुछ उसके उपयोगकर्ता पर निर्भर करता है वह अपनी मानसिक स्थिति के अनुसार ही भाषा का इस्तेमाल करता है
( श्रोता )
- श्रोता अपनी भाषा में विभिन्न स्थितियों के आधार पर ही इसका इस्तेमाल करता है वह प्रश्न के हिसाब से ही उत्तर देता है
( कथा )
- भाषा के व्यवहार में सबसे महत्वपूर्ण बातचीत विषय को माना जाता है विषय के अनुसार ही भाषा का इस्तेमाल किया जाता है
- जैसे जैसे विषय बदलता रहता है उसी तरह से बातचीत भी बदलती रहती है जैसे गंभीर विषय पर बातचीत होने पर हास्यपूर्ण विषय पर बात नहीं होती।
( उद्देश्य )
- भाषा का इस्तेमाल करके किसी मुद्दे पर अगर वार्तालाप हो रही है तो उसमें सबसे महत्वपूर्ण है उद्देश्य, वार्तालाप का क्या उद्देश्य है
- इसके अंदर भाषा के साथ- साथ हाव-भाव का प्रयोग भी हो सकता है इसमें आंगिक भाषा मौखिक भाषा दोनों मिलकर काम करते हैं
( स्थिति )
- भाषा के व्यवहार में स्थिति भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
- यह भी देखा जाता है कि वक्ता श्रोता की क्या स्थिति है उसके अनुसार ही संप्रेषण होता है।
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