इतिहास लेखन , शहरी क्रांति और कांस्य युग धातु प्रोद्योगिकी सम्बंधित वाद विवाद ( DU – SOL – NCWEB – IGNOU - OTHER Important Questions )
प्राचीन समाज
- सभ्यता से क्या अभिप्राय हैं ?
- सभ्यता और संस्कृति में अंतर बताइए ?
- चाइल्ड मॉडल की प्रतिक्रिया पर चर्चा कीजिये ?
- नवपाषाण क्रांति की व्याख्या कीजिए ?
सभ्यता
सभ्यता का साधारण अर्थ हैं "सभ्य बनाना" यानि बर्बरता ( जंगली ) की स्थिति से बाहर लाना लैटिन भाषा में सभ्यता को civilis, सिविस और civitas व्यक्त किया गया हैं जिसका अर्थ हैं " शहर में रहना " इस प्रकार सभ्यता एक नगरीय जीवन की और इशारा करती हैं सभ्यता का विकास, एक प्रकिया से जुड़ा हैं जहां जिसे आदिम जीवन के विपरीत की स्थिति समझा जा सकता हैं इस शब्द का इस्तेमाल रोमांस भाषाओ में सबसे पहले किया गया जिसमे सुधार, शिष्टाचार और शहरीकरण जैसे पहलू आते हैं सभ्यता से जुड़े लोग विशेष समूह में रहते थे और विशेष गतिविधियों में संलग्न पाए जाते थे सभ्यता शब्द फ्रांसिसी क्रांति के दौरान भी इस्तेमाल हुआ जिसका अर्थ मानव की प्रगति से जोड़ा गया
Albert Schweitzer की बुक "the philosophy of civilization " में सभ्यता को मानव के हर क्षेत्र और दृष्टिकोण में प्रगति के रूप में परिभाषित किया गया हैं वास्तव में सभ्यता विश्वासो को समूह और जीवन जीने का तरीका हैं जहां लोग एक साथ रह कर आदेशों और निर्देशों का पालन करते हैं , खेती करते हैं, पशुपालन करते हैं एक व्यवस्थित जीवन की और बढ़ते हैं सभ्यता को मानव विकास के नये चरण के तौर पर देखा जा सकता हैं जहां मानव एक व्यवस्थित जीवन की ओर अग्रसर हैं क्रिस्टोफर डॉवसन के अनुसार सभ्यता शहरों में पाई जाने वाली संस्कृति हैं
सभ्यता और संस्कृति में अंतर
सभ्यता का सम्बन्ध जीवन यापन या सुख-सुविधा की बाहरी वस्तुओं से है, जबकि संस्कृति का सम्बन्ध आंतरिक वस्तुओं से सभ्यता और संस्कृति में गहरा संबंध हैं दोनों में कुछ समानता और कुछ भेद देखने को मिलेंगे सभ्यता का सम्बन्ध जीवन यापन के लिए जरूरी बाहरी चीजों से हैं वही संस्कृति का सम्बन्ध आंतरिक वस्तुओं से होता हैं एक दूसरे के साथ और बाहरी दुनिया के साथ लगातार संपर्क में रहने के साथ जो संस्कृतियां पैदा हुई सब सभ्यता के मुख्य घटक हैं यही वो घटक हैं जो सभ्यता में बड़े-बड़े लोगों के समूहों को विभिन्न कारणों से साथ लाते हैं
सभ्यता का अर्थ नगरीय जीवन से लिया जाता हैं जो पूरी तरह से व्यवस्थित हैं वही संस्कृति एक दूसरे को पास लाती हैं मूल्यों, विचारों और रिवाजों का आदान प्रदान करती हैं नृवंश विज्ञानी और मानव विज्ञानी सभ्यता और संस्कृति में अंतर बनाये रखना चाहते हैं Edward Burnett Tylor के अनुसार सभ्यता का तात्पर्य मानव समाज के विकसित चरण से हैं जो सरल विकास से कठिन और जटिल रूपों में प्रगतिशील हैं Edward Burnett Tylor का मानना है की संस्कृतियों ने इस विकास में सहयोगी की भूमिका निभाई हैं संस्कृति किसी भी सभ्यता के गुण के रूप में देखा जाना उचित होगा क्योंकि सभ्यता अनेक संस्कृतियों का योग हैं संस्कृति रीति- रिवाजो , कलाओ , मानव सोच और विचार को दर्शाता हैं वहीं सभ्यता मानव विकास के उन्नत चरण को परिभाषित करता हैं
Fernand Braudel संस्कृति को अर्ध सभ्यता के तौर पर देखते हैं क्योंकि यह मानव विकास का एक चरण मात्र हैं Christopher Dawson ऐसा मानते हैं कि सभ्यता सबसे बड़ी सामाजिक ऐतिहासिक घटना हैं जिस पर संस्कृति कोई दावा नहीं कर सकती Fernand Braudel मानते हैं कि संस्कृति के बिना शहरों और कस्बों का कोई अस्तित्व ही नहीं हैं बल्कि ये एक दूसरे के साथ समृद्ध होंगे
नवपाषाण क्रांति
गोल्डन चाइल्ड ने नवपाषाण क्रांति और शहरी क्रांति की अवधारणाओ को विकसित किया गोल्डन चाइल्ड की नवपाषाण क्रांति सम्बंधित अवधारणा शिकार और जीवन निर्वाह के लिए एकत्रित करने से लेकर खेती करने तक के संक्रमण को दर्शाती हैं इस घटना को दुनिया के सात या आठ हिस्सों में एक साथ विकसित होते हुए देखा जा सकता हैं लेकिन सभी एक दूसरे से स्वतंत्र रूप से विकसित हुई जंगली संसाधनों के संचय से खाद्य पदार्थों के उत्पादन और खपत में काफ़ी परिवर्तन और विकास हुआ नवपाषाण क्रांति को तकनीकी सफलताओं और सामाजिक परिवर्तनों का एक संयोजन के रूप में देखा जा सकता हैं
शहरी क्रांति ने सामाजिक संस्थाओं और प्रथाओं को पूरी तरह बदल दिया इस चरण के दौरान शहरों में आर्थिक गतिविधियों के विस्तार हुआ साथ ही साथ शासन के नए संस्थान अस्तित्व में आये मेसोपोटामिया, मिस्र, चीन, भारत और एंडीज़ के क्षेत्रों में शहरों और राज्यों का उदय हुआ ये सभी सरल समाजों से विकसित हुए जिनमें बाहरी प्रभाव शामिल नहीं थे 1920 के दशक में उर नामक स्थान पर खुदाई से मिले आकड़ों को नियोजित किया गया जिसमे मेसोपोटामिया सबसे पहले शहरी समाज का प्रमाण दिया गया चाइल्ड का मानना था कि शहरी क्रांति ने धातु विज्ञान के विकास और शहरों में रहने वाले कारीगर और नए विशेषज्ञों के एक नए समाजिक वर्ग के उत्थान को देखा हैं
चाइल्ड के द्वारा बताये गए एक शहर के 10 लक्षण
शहर शब्द एक सामाजिक संगठन को दर्शाता हैं जो आकार में बड़ी और संगठन में जटिल हो चाइल्ड ने शहर की अवधारणा को परिभाषित करना कठिन बताया हैं चाइल्ड द्वारा प्रतिपादित शहर के 10 लक्षण इस प्रकार हैं
1. आकार की दृष्टि से शहर बस्तियों की तुलना में अधिक व्यापक और घनी आबादी वाले होंगे
2. शहर की आबादी की संरचना किसी भी गाँव की संरचना से अलग होती हैं और कार्य भी भिन्न होते हैं क्योंकि शहरो में शिल्पकार, पुजारी, व्यापारी और विशेषज्ञ देखने को मिलते हैं
3. प्रत्येक उत्पादक, यहाँ तक कि सबसे प्राथमिक को भी, सीमित तकनीकी उपकरणों के साथ प्राप्त होने वाले छोटे अधिशेष पर भी कर का भुगतान करना पड़ता था। यह कर एक दिव्य राजा या एक काल्पनिक देवता को दिया जाता था जो सभी अधिशेष एकत्र करता
4. स्मारकीय वास्तुकला शहरों को, गाँवों से अलग करती है
5. वास्तव में संकेंद्रेत अधिशेष का एक बड़ा हिस्सा कुछ लोगों के हाथों में आ गया जिन्होंने शासक वर्ग" का गठन किया। इस समूह में पुजारी, प्रशासनिक अधिकारी और नागरिक और सैन्य नेता शामिल थे।
6. प्रशासनिक और संचार उद्देश्यों के लिए लेखन का आविष्कार और उपयोग।
7. ज्यामिति, अंकगणित और खगोल विज्ञान जैसे विज्ञानों का विस्तार।
8. कला की परिष्कृत शैलियों का उत्पादन।
9. लंबी दूरी का विदेश व्यापार।
10. एक राज्य संगठन जो अब निवास पर आधारित था, रिश्तेदारी पर नहीं।
- इन दस विशेषताओं से स्पष्ट रूप से संकेत मिलता है
- कि चाइल्ड का मॉडल परस्पर संबंधित सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक परिवर्तनों की एक श्रृंखला पर आधारित था,
- जिसके परिणामस्वरूप शुरुआती शहरों और राज्यों का निर्माण हुआ।
चाइल्ड मॉडल की प्रतिक्रिया
चाइल्ड के सिद्धांत की सबसे प्रमुख आलोचना यह है कि उन्होंने कई प्रक्रियाओं और संस्थाओं को एक दूसरे से जोड़ने का बहुत कम प्रयत्न किया। इस बात को सबसे पहले रॉबट मेक एडम्स (Robert M Adams) और तत्पश्चात पॉल व्हीटली और जैम्स एफ, ओसबोर्न ने उठाया।कॉंलिन रेनफू विभिन्न विशेषताओं के बीच कार्यात्मक संबंध के विषय पर चाइल्ड का बचाव करते हैं, जो उनके अनुसार उनके मॉडल में निहित हैं।
हमें यह ध्यान रखने की आवश्यकता है कि सभी शहर चाइल्ड की दस विषय विशेषताओं को प्रमाणित नहीं करते हैं क्योंकि वे सामाजिक - सांस्कृतिक और भौगोलिक संदर्भों में एक समृद्ध विविधता प्रदर्शित करते हैं।आर. मैक, एडम्स का तर्क है कि प्रारंभिक शहरों में विशाल अधिशेष का कोई सबूत नहीं है। जबकि जेन जैकब्स बताते हैं कि शहरों के विकास के लिए खेती अकेले महत्त्वपूर्ण नहीं है क्योंकि वहाँ अधिशेष होने के लिए पहले बड़े पैमाने पर माँग होनी चाहिए ।
लेवेंट और अनातोलिया खेती के बजाय लंबी दूरी के व्यापार के कारण उत्पन्न होने वाले शहरों का प्रमाण देते हैं। ये सभी तर्क शहरीकरण की प्रकृति पर एक अलग समझ प्रदान करते हैं। लेकिन कई विद्वानों ने उनके सभी तरीकों का खंडन नहीं किया। इसमें मेक एडम्स, भी हैं जिन्होंने चाइल्ड के मॉडल के साथ सक्रिय रूप से जुड़ाव किया और इसे मुख्यधारा के मानवशास्त्रीय पुरातत्व और सांस्कृतिक विकास में शामिल किया।
अपनी पुस्तक, द इवोल्यूशन ऑफ अरबन सोसाइटी में एडम्स ने दस-सूत्रीय विशेषताओं के साथ अपनी चर्चा शुरू की, और फिर सामाजिक प्रथाओं और संस्थानों पर बहुत जोर देने के लिए इसे विस्तारित और संशोधित किया। विलियम सैंडर्स के सांस्कृतिक विकास का मॉडल चाइल्ड के विश्लेषण पर आधारित था, और इन सभी विद्वानों ने चाइल्ड के मॉडल को आगे बढ़ाने और इसे दुनिया के नए हिस्सों में पेश करने में अपनी भूमिका निभाई।
आज भी, पुरातत्वविदों द्वारा किए गए शोध और प्रकाशनों में शहरी क्रांति एक प्रमुख विषय बनी हुई है चाइल्ड की शहरी क्रांति की अवधारणा ने शहर की योजना पर ध्यान केंद्रित किया जो प्राचीन शहरों में नियोजन की वर्तमान समझ के अनुरूप है शहरी क्रांति का चाइल्ड माडल प्रारंभिक राज्यों और शहरों पर पुरातात्विक साक्ष्य का पहला महत्त्वपूर्ण संश्लेषण था जिससे बीसवीं शताब्दी के विद्धता (evolutionary scholarship) में महत्तपूर्ण प्रगति हुई।प्राचीन जटिल समाजों के अध्ययन में अभी भी कृषि विस्तार, अधिशेष उत्पादन, शहरीकरण, शिल्प विशेषज्ञता, सामाजिक असमानता और राज्य के उन्द्धव के विषयों की प्राथमिकता है।