लोकतंत्र का अर्थ
लोकतंत्र एक ऐसी शासन व्यवस्था है जिसमें जनता को प्रभुसत्ता का अंतिम चरण या स्रोत माना जाता है जनता स्वयं प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शासन व्यवस्था में भाग लेती है लोकतंत्र एक आदर्श व्यवस्था है जो किसी भी राज्य के नागरिक के आर्थिक, राजनैतिक तथा सामजिक विकास को प्रभावित करती है परंतु यथार्थ के स्तर पर शासन व्यवस्था तथा जीवन यापन की एक प्रणाली के रूप में लोकतंत्र का निरंतर विकास हो रहा है।
आर्थिक विकास
कुछ विद्वान विकास का जन्म आधुनिकता से मानते हैं इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति हुई तो उत्पादन के कार्यों का तेजी से विकास हुआ जिससे आर्थिक क्षेत्र में उन्नति हुई आर्थिक क्षेत्र में परिवर्तन से समाज में भी परिवर्तन आया आमदनी अच्छी होने के कारण लोगों का जीवन स्तर सुधरा और लोग आधुनिक हो गए। आज भी लोग विकास की ओर अग्रसर है। बड़े-बड़े उद्योग धंधों की स्थापना होने से लोग कृषि कार्य छोड़कर शहरों में आकर फैक्ट्रियां में औद्योगिक संस्थाओं में कार्य करने लगे जिससे शहरीकरण में वृद्धि हुई और समाज में मध्यम वर्ग का जन्म हुआ इस प्रकार विकास की अवधारणा आर्थिक विकास व सामाजिक विकास से संबंधित है।
लोकतंत्र और आर्थिक विकास
डॉ. सुभाष कश्यप के अनुसार लोकतंत्र और विकास दोनों के राजनीतिक सामाजिक एवं आर्थिक अर्थ हैं लोकतंत्र और विकास दोनों को एक सिक्के के दो पहलू कहा जा सकता है। लोकतंत्र का अभिप्राय संघ बनाने की स्वतंत्रता और शासन में भाग लेने का अधिकार है तो विकास का अभिप्राय संघ बनाने की स्वतंत्रता विकास कार्यों में भाग लेने का अधिकार है अर्थात प्रत्येक नागरिक समूचे राष्ट्र के विकास की समस्याओं पर प्रक्रमो और संभावनाओं में भाग ले सकें लोकतंत्र का निर्माण आम लोगों की आर्थिक उन्नति भूख व निर्धनता से छुटकारे तथा सुख साधनों में समान अवसरों की उपलब्धि की सुदृढ़ नींव के लिए है।
लोकतंत्र के आर्थिक परिप्रेक्ष्य में उदारवादी परंपरा
उदारवादी परंपरा के समर्थक जॉन रॉल्स हैं इनकी कृति हे “थ्योरी ऑफ जस्टिस” तथा “पॉलिटिकल लिबरलिज्म” में न्यायप्रिय राजनीतिक संस्था के बारे में बात करते हैं वे एक ऐसी सामाजिक और राजनीतिक संस्था की मांग करते हैं जो व्यक्ति के अधिकारों व स्वतंत्रता की रक्षा कर सकें व्यक्ति को सामाजिक और आर्थिक स्वतंत्रता पूर्ण रूप से प्राप्त हो तभी व्यक्ति का पूर्ण विकास होगा ऐसी सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था हो जिससे कम लाभ प्राप्त करने वाले को अधिकतम लाभ प्राप्त हो अमेरिका भारत और रूस जैसे देशों ने इस नीति को अपनाया
लोकतंत्र के आर्थिक परिप्रेक्ष्य में मार्क्सवादी परंपरा