लोकतंत्र का अर्थ
लोकतंत्र शब्द ग्रीक शब्द DEMOCRACY का रूपांतरण है DEMO का अर्थ होता है जनता CRACY शासन करना अर्थात् जनता के द्वारा किया जाने वाला शासन ऐसी शासन व्यवस्था जिसमें शासन की बागडोर प्रजा या उसके प्रतिनिधियों के हाथ में हो जिसे प्रजातंत्र के नाम से भी जाना जाता है।
परिभाषाएं
प्रोफेसर सीले के अनुसार “प्रजातंत्र उस सरकार को कहते हैं जिसमें प्रत्येक व्यक्ति भाग लेता है” अब्राहिम लिंकन के अनुसार “लोकतंत्र जनता की, जनता के लिए, जनता के द्वारा शासन है” डायसी के अनुसार “शासन का वह रूप जिसमें शासक वर्ग संपूर्ण राष्ट्र की अपेक्षाकृत अधिकांश लोग होते है”।
लोकतंत्र की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
आधुनिक विश्व में लोकतंत्र का रूप प्राचीन लोकतंत्र से अलग था यह प्राचीन यूनान में लगभग 2500 वर्ष पूर्व प्रचलित था एथेंस यूनान का वह शहर है जहां लोकतंत्र सबसे स्थिर, कठोर एवं आदर्श के रूप में माना जाता था फ्रांस में लोकतंत्र का आरंभ 1789 की क्रांति से हुआ।
FRENCH DECLARATION OF THE RIGHTS OF MAN 1789 व अमेरिकन डिक्लेरेशन ऑफ इंडिपेंडेंस 1776 ने आधुनिक विश्व में लोकतंत्र को मजबूत करने वाले विचारों एवं सिद्धांतों को व्यक्त किया ब्रिटेन सबसे आधुनिक लोकतंत्र है 1929 से पहले महिलाओं को मतदान का अधिकार नहीं था 1948 में एक व्यक्ति एक वोट के सिद्धांत के समर्थन के साथ सार्वभौमिक मताधिकार लागू किया गया।
लोकतंत्र की प्रकृति
लोकतांत्रिक व्यवस्था समानता के अधिकार पर आधारित होती है लोकतंत्र नागरिकों को मौलिक अधिकार प्रदान करता है नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए स्वतंत्र न्यायपालिका की व्यवस्था होती है प्रत्येक नवयुवक एवं नवयुवती को 18 वर्ष की आयु के पश्चात मत देने का अधिकार होता है। सभी निर्णय बहुमत द्वारा किए जाते हैं उदारवादी लोकतंत्र के लिए स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनावों की व्यवस्था होती है समाचार पत्रों को सरकार की नीतियों के बारे में अपनी राय प्रकट करने की छूट होती है लोकतंत्र के अंतर्गत जनता को सत्ता का अंतिम स्रोत माना जाता है क्योंकि जनता ही अपने वोटो द्वारा यह निर्णय लेती है कि कौन सा दल सरकार बनाएगा आधुनिक युग में सबसे लोकप्रिय एवं स्थायित्व वाली राजनीतिक व्यवस्था लोकतंत्र ही है।
लोकतंत्र के प्रकारलोकतंत्र के अनेक प्रकार हैं जैसे
1- प्रतिनिधिक लोकतंत्र
2- सहभागिता पूर्ण लोकतंत्र
3- मंत्रणात्मक लोकतंत्र
4- सामाजिक लोकतंत्र
5- सार्वभौम लोकतंत्र
प्रतिनिधिक लोकतंत्र
जटिल समाजों में प्रत्यक्ष लोकतंत्र का होना संभव नहीं है अतः चुनावों की प्रक्रिया द्वारा लोग समूह में से नेता चुनते हैं जो उनके मनोरथ को पूर्ण करें प्रतिनिधियों के मत व हित निर्वाचको के मतों तथा हितों से अलग नहीं हो सकते
सहभागितापूर्ण लोकतंत्र
राजनैतिक निर्णय प्रत्येक नागरिक की व्यक्तिक भागीदारी पर निर्भर करते हैं क्योंकि सभी एक दूसरे पर समान रूप से निर्भर है निजी हितों की रक्षा करने तथा अच्छी सरकार की रचना करने के लिए भागीदारी एक साधन के रूप में अत्यंत महत्वपूर्ण है
मंत्रणात्मक लोकतंत्र
इस लोकतंत्र के अंतर्गत सार्वजनिक महत्व के मुद्दों पर मुक्त तथा सार्वजनिक विचार विमर्श को महत्व दिया जाता है नागरिक सार्वजनिक मुद्दों के विषय पर मंत्रणा में शामिल होते हैं
सामाजिक लोकतंत्र
यह समानता के प्रत्येक दृढ़ प्रतिज्ञ पर आधारित है सामाजिक लोकतंत्रवादियों का मानना है की सभी व्यक्तियों को समाज के संसाधनों का एक उचित भाग मिलना चाहिए जिससे वे अपने जीवन की निजी योजनाओं को कार्य रूप दे सकें यह मूल रूप से समानता की परिस्थितियां पैदा करने में रुचि रखता है जिससे सभी नागरिक अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का उपयोग एक समान सीमा तक कर सकें
सार्वभौम लोकतंत्र