परिचय
समाज कुछ खास विशेषताओं को पुरुषतत्व और कुछ दूसरी विशेषताओं को नारीतत्व के साथ जोड़कर देखता है बच्चों के लालन-पालन की प्रक्रिया ही लिंगो के बीच कुछ भिन्नताओ को स्थापित करती है अर्थात बचपन से ही लड़कों और लड़कियों को संस्कृति के अनुरूप व्यवहार करना, कपड़े पहनना, खेलना आदि सिखाया जाता है इसीलिए लड़कों और लड़कियों का अलग अलग तरीके से सामाजिकरण करके उन्हें अपनी भूमिका के लिए तैयार करते हैं सिमॉन द वुआ ने कहा है "औरत पैदा नहीं होती, बना दी जाती है"।
महिलाएं और लिंगभेद
लैंगिक असमानता सामाजिक जीवन के कई क्षेत्रों में अभिव्यक्त होती है जैसे घर में, मजदूरी का वेतन में, राज्य के संगठन में, यौन व्यवहार आदि में लैंगिक संबंधों की असमानता में नारी की तुलना में पुरुष के श्रेष्ठत्व मान्यता है किंतु कुछ विद्वानों का कहना है कि आरंभ में मातृसत्तात्मक परिवार थे। मिस्र में प्राचीन काल में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती थी परंतु धीरे-धीरे पितृसत्तात्मक परिवारों का वर्चस्व हो गया और समाज पुरुष प्रधान हो गया।
पुरुषतत्व, नारीतत्व और सांस्कृतिक विभेद
मार्गेट मीड सबसे प्रसिद्ध नारीवादी मानवविज्ञानी है उन्होंने बताया कि विभिन्न समाजो तथा विभिन्न संस्कृतियों के बीच पुरुषतत्व एवं नारीतत्व की विशेषताओं में समानता नहीं है। बचपन से ही पुरुषों और स्त्रियों का लालन-पालन, कपड़े, खेल, रुचियां भिन्न होती है पुरुषों में वीरता तथा विश्वास और नारियों में संवेदनशीलता व शर्मिलापन उनके यौन विशिष्ट गुण होते हैं। यह गुण उनमें लड़का व लड़की के अलग-अलग रूप से सामाजिकरण के फलस्वरुप विकसित होते हैं।
श्रम तथा कार्यस्थान पर असमानता
जिस प्रकार घरेलू क्षेत्र में श्रम असमानता देखने को मिलती है वैसे ही महिलाओं के साथ सार्वजनिक क्षेत्र में भी होता है कुछ कार्य विशेष के पुरुषों के क्षेत्र में आते हैं और कुछ नारियों के माने जाते हैंउदाहरण के लिए अध्यापन एवं नर्सिंग के कार्य मूलते नारी के माने गए हैं।
वेतन में असमानता
कुछ कार्य ऐसे हैं जिसमें स्त्रियों को समान वेतन की प्राप्ति नहीं होती जैसे अनाज पीसना, खदानों में, निर्माण कार्यों में बोझ उठाना इत्यादि एक तरफ तो समाज नारी को शारीरिक रूप से कमजोर समझता है। दूसरी तरफ यह सारे भारी-भरकम काम स्त्री करती है परंतु वेतन उन्हें समान प्राप्त नहीं होता वहीं जब मशीनों द्वारा इन कार्य को किया जाता है तो मशीनों का प्रशिक्षण भी पुरुषों को दे दिया जाता है उदाहरण आटा पीसने की चक्की।
महिलाओं के प्रति असमानता कम करने हेतु कार्य
This was exacerbated by the poor heat switch properties of a polymeric material. The machine subsequently became identified as|often known as} a 'Reciprocating Screw' injection moulding machine. Initial prices of the mold design, which tends to be excessive outcome of} Direct CNC design, testing, and tooling requirements and the longer required lead occasions. Some customized complicated elements may encounter issues during the injection molding course of such as warpage or floor defects. Therefore, injection molded elements should be designed with careful consideration to any change in geometry as they cool and the fabric selection to assure stability. Highly skilled machinists and toolmakers, using the product design, fabricate a tooling mold for the injection molding machine.
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