B.A. FIRST YEAR ( POLITICAL SCIENCE )CHAPTER-3 IGNOU BPSC- 131 राजनीतिक सिद्धांत का परिचय CHAPTER-3 / स्वतंत्रता LIBERTY




परिचय

स्वतंत्रता मनुष्य का जन्मसिद्ध एवं मूल अधिकार है मानव जीवन के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, नैतिक अर्थात् सर्वांगीण विकास के लिए स्वतंत्रता अति आवश्यक हैव्यक्ति हो या राज्य स्वतंत्रता के अभाव में वह गुलाम जैसा जीवन व्यतीत करता है


स्वतंत्रता का अर्थ

स्वतंत्रता को अंग्रेजी में लिबर्टी कहते हैं इसकी उत्पत्ति लैटिन शब्द लिबर शब्द से हुई जिसका अर्थ है बंधनों का अभाव क्योंकि मनुष्य स्वतंत्र ही जन्म लेता है इसलिए स्वतंत्रता मनुष्य का जन्म  सिद्ध अधिकार है जैराल्ड मैककैलम के अनुसार स्वतंत्रता वह है जो की x व्यक्ति कि किसी A बाधा से मुक्ति की ओर संकेत करती है ताकि वह B कार्य कर सकें


स्वतंत्रता को दो भागों में बांटा जाता है

1.नकारात्मक स्वतंत्रता 

2. सकारात्मक स्वतंत्रता


नकारात्मक स्वतंत्रता के अंतर्गत 

अहस्तक्षेप की नीति को अपनाना अर्थात् प्रतिबंध मुक्त स्वतंत्रता को बढ़ावा दिया जाता है नकारात्मक स्वतंत्रता मे नियम कानूनों का निर्माण कम से कम होना चाहिए


नकारात्मक स्वतंत्रता के विचार रखने वाले कुछ प्रमुख विद्वान है 

जॉन लॉक, एडम स्मिथ, हरबर्ट स्पेंसर, आईजिया बर्लिन हरबर्ट स्पेंसर के अनुसार’ प्रत्येक व्यक्ति वह करने को स्वतंत्र है जिसकी वह इच्छा रखता है बर्लिन के विचारों में नकारात्मक स्वतंत्रता सिद्धांत नियंत्रण क्षेत्र से संबंधित है अर्थात् व्यक्ति की  स्वतंत्रता के पर कम से कम या न के बराबर नियंत्रण होना चाहिए


सकारात्मक स्वतंत्रता

सकारात्मक स्वतंत्रता में स्वतंत्रता का अर्थ यह नहीं जिससे दूसरे के अधिकारों का हनन हो अर्थात स्वतंत्रता पर कुछ नियंत्रण होना अति आवश्यक है मनुष्य के व्यक्तिगत एवं सामाजिक विकास के लिए इसमें नियम कानून व्यक्ति के विकास के लिए बनाए जाते हैं ना कि उसकी स्वतंत्रता को बाधित करने के लिए


सकारात्मक स्वतंत्रता के पक्ष में रहे विद्वान 

लॉसकी, मेकाईवर, हॉब्स हाउस लास्की के अनुसार" स्वतंत्रता उस वातावरण की स्थापना है जिसमें मनुष्य को अपने व्यक्तित्व के विकास के पूर्ण अवसर प्राप्त हो


स्वतंत्रता के प्रकार


प्राकृतिक स्वतंत्रता

इसके अंतर्गत  प्रकृति की तरफ से प्राप्त स्वतंत्रता आती है यह  मनुष्य को प्रकृति की तरफ से उपहार के रूप में प्राप्त हैं 


व्यक्तिगत स्वतंत्रता

ऐसी स्वतंत्रता जो केवल व्यक्ति विशेष से संबंधित है व्यक्ति अपने जीवन के उच्चतम विकास के  लिए इच्छा अनुसार कार्य करने को स्वतंत्र है परंतु व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अर्थ यह नहीं है कि इससे दूसरों की स्वतंत्रता को किसी प्रकार की हानि पहुंचे


राजनीतिक स्वतंत्रता

राजनीतिक स्वतंत्रता के अंतर्गत मत देने का अधिकार ,सरकारी नौकरी प्राप्त करने का अधिकार, चुनाव लड़ने का अधिकार और सरकार की आलोचना करने का अधिकार प्राप्त होता है 


नागरिक स्वतंत्रता

नागरिक स्वतंत्रता राज्य के भीतर रहने वाले लोगों को प्राप्त होती है जैसे जीवन सुरक्षा, समानता, भ्रमण, भाषण, लेखन तथा धर्म आदि जैसे अधिकार जो नागरिक स्वतंत्रता के अंतर्गत आते हैं



धार्मिक स्वतंत्रता

धार्मिक स्वतंत्रता का अर्थ है समाज में रहने वाले प्रत्येक वर्ग, समुदाय एवं व्यक्ति को धर्म अपनाने तथा उसका प्रचार प्रसार करने का पूर्ण अधिकार इस संदर्भ में राज्य धर्मनिरपेक्ष होता है


आर्थिक स्वतंत्रता 

आर्थिक स्वतंत्रता का तात्पर्य प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवनयापन के लिए उचित साधन के उपलब्ध होने से हैं अर्थात प्रत्येक व्यक्ति को अपनी इच्छा अनुसार व्यवसाय करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए ताकि वह अपनी आर्थिक उन्नति कर सकें


वैधानिक स्वतंत्रता

इसके अंतर्गत प्रत्येक राष्ट्र को अपना संविधान बनाने की स्वतंत्रता होनी चाहिए किसी राष्ट्र पर अन्य राष्ट्र का प्रभाव या दबाव नहीं होना चाहिए विश्व के सभी राष्ट्रीय वैधानिक रूप से स्वतंत्र होने चाहिए तभी विश्व में शांति बनी रहेगी


राष्ट्रीय स्वतंत्रता

राष्ट्रीय स्वतंत्रता राष्ट्र का चिन्ह है जो यह दर्शाता है कि राष्ट्र अपने आंतरिक और बाहरी मामलों में पूर्णत: स्वतंत्र है वह किसी अन्य  संप्रभु के नीचे नहीं है



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