एक प्राचीन शहर की खोज
सबसे पहले 1826 एक अंग्रेज चार्ल्स मोसन ने हड़प्पा गांव को देखा । 1853 से 1856 के बीच रेलवे ट्रैक बिछाया जाने का कार्य चल रहा था। यह रेलवे ट्रैक कराची से लाहौर तक बिछाया जा रहा था। इसकी अध्यक्षता कनिंघम नाम के अधिकारी के अधीन थी। उन्होंने कुछ पुरातात्विक वस्तुए इक्कठी की सर्वप्रथम 1921 में हड़प्पा सभ्यता का पता चला। 1921 से 24 तक खुदाई कार्य चले जॉन मार्शल के नेतृत्व में दयाराम साहनी और आर डी बनर्जी ने कार्य किया। 1921 से 1947 से लगभग 40 शहर खुदाई के दौरान खोज में मिले अब तक 1500 से अधिक स्थल खोजे जा चुके हैं अफगानिस्तान में 02 पाकिस्तान में 475 और भारत में 925
हड़प्पा सभ्यता का युग
जॉन मार्शल के अनुसार इस सभ्यता का काल लगभग 5000 वर्ष पुराना है। मार्शल ने बताया कि हड़प्पा से प्राप्त साक्ष्य जैसे मोहरे, ठप्पे आदि उनसे बिल्कुल अलग थे जिनसे इतिहासकार अब तक परिचित थे।परंतु कनिंघम के अनुसार यह सभ्यता 1000 वर्ष पुरानी है।भारतीय इतिहासकारों के अनुसार यह सभ्यता 5500 से 8000 वर्ष ईसा पूर्व पुरानी है।
हड़प्पा का कालानुक्रम
मेहरगढ़ (बलूचिस्तान) जैसी बस्तियों का कालानुक्रम 5500 से 3500 ई.पूर्व है। यहां के लोग पशुचारण के साथ-साथ खेती करते थे। यह लोग गेहूं, जो, खजूर तथा कपास की खेती करते थे।इनके मकान मिट्टी के थे तथा भेड़ बकरियों को पालते थे।
3500-2600 ईसा पूर्व में अनेक बस्तियां स्थापित हुई तांबे का प्रयोग तथा मिट्टी के बर्तन बनने लगे तथा अन्न का भंडारण किया जाता था पीपल, कुबड़ा बैल, सींगवाले देवता की आकृतियां भी प्राप्त हुई
2600-1800 ईसा पूर्व के मध्य में नगरों का सुनियोजित निर्माण होने लगा समान आकार की ईटें, मिट्टी के बर्तन, सुनियोजित व्यापार, समकोण पर काटती सड़कें आदि नगरीकरण की विशिष्ट लक्षण थे
1800 ईसा पूर्व के बाद नगरों का पतन होने लगा
भौगोलिक विस्तार
1. उत्तर में मांडा (जम्मू कश्मीर)
2. पश्चिम में सुत्कागैंडोर (बलूचिस्तान)
3. दक्षिण में दैमाबाद (महाराष्ट्र ) तथा भगतराव (गुजरात)
4. पूर्व में अलमगीरपुर (उत्तर प्रदेश)
हड़प्पा सभ्यता के महत्वपूर्ण केंद्र