राजनीति क्या है ?
राजनीति सामाजिक गतिविधियों एवं समस्याओं को हल करने की कला और विज्ञान है ऐसी समस्याएं जिन्हें केवल सामूहिक (सभी के द्वारा मिलकर ) प्रयासों के माध्यम से हल किया जाता है यदि हम सामान्य भाषा में बात करें तो राजनीति शासन व्यवस्था को चलाने, शासन में पद प्राप्त करने, राजनीतिक विचारों को आगे बढ़ाना, कानून बनाना, विरोधियों के विरुद्ध युद्ध आदि शक्तियों का प्रयोग करना एवं सभी के सहयोग के द्वारा सामाजिक आर्थिक गतिविधियों एवं समस्याओं का समाधान करना राजनीति कहलाता है।
परिभाषा
मारंग्येथु के अनुसार “राजनीति शक्ति के लिए संघर्ष है” R.N. के अनुसार “राजनीति वह गतिविधि है जो राजनीतिक विवाद, समझौते, नीति निर्माण, शक्ति और सत्ता से संबंध रखती है इस प्रकार राजनीति शासन तथा बुनियादी राजनीतिक संबंधों राज्य और नागरिक समाज के बीच के संबंधों को समझने का विज्ञान और कला है”।
राजनीति का क्षेत्र
राजनीति विषय का क्षेत्र बहुत विस्तृत है इसके क्षेत्रफल को मापना या निर्धारित करना अत्यंत मुश्किल है यह आज भी यह अपनी विकसित अवस्था में है।
कुछ विद्वानों के अनुसार यह राज्य और सरकार से संबंधित है तो कुछ के अनुसार यह शक्ति के लिए संघर्ष से संबंधित पहलुओं का अध्ययन करने वाला विषय है तो वही ही कुछ लोग राजनीति को राजनीतिक दलों के नेताओं की गतिविधियों से जोड़ते हैं।
वास्तव में राजनीति एक सार्वभौमिक विषय है राजनीति न केवल राज्य व सरकार का अध्ययन करती है बल्कि उससे जुड़ी सभी गतिविधियों क्रियाकलापों संस्थाओं जैसे शक्ति, शासन-प्रशासन, सत्ता तथा इससे संबंधित निर्धारित मूल्यों तथा साधनों सभी का अध्ययन करती है।
प्रसिद्ध यूनानी विचारक अरस्तु लिखते हैं “मनुष्य एक राजनीतिक प्राणी है” व्यक्ति के इसी स्वभाव ने राज्य की उत्पत्ति की जिसका राजनीति एक प्रमुख अंग है मनुष्य ने अपने सामाजिक जीवन को सुचारू रूप से नियमित करने के लिए राजनीतिक संस्थाओं का निर्माण किया जो सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र के लिए कानून बनाती है और लोगों के जीवन को नियमित करते हैं जिसे हम सरकार के रूप में जानते हैं सरकार, राजनीतिक शक्ति का प्रयोग शासन चलाने के लिए करती है जिसका मुख्य उद्देश्य देश की रक्षा करना और समाज में रह रहे लोगों के लिए कल्याणकारी कार्यों का प्रतिपादन करना है।
अरस्तु, प्लेटो, हॉब्स, लॉक, रूसो, मिल, तथा मार्क्स, आदि विद्वानों ने अपने अपने राजनीतिक सिद्धांतों की रचना की एवं राजनीति के बारे में अपने विचार दिए अरस्तु ने अपनी पुस्तक “पॉलिटिक्स” लिखने से पहले लगभग 158 यूनानी संविधान ओं का विवेचन एवं विश्लेषण किया।
राजनीति का शक्ति से संबंध
सत्ता, शक्ति और वैधता राजनीति विज्ञान के मुख्य केंद्रीय बिंदु हैं राज्य शक्ति पर निर्भर करता है किसी देश की राजनीति कितनी शक्तिशाली और कमजोर है इसका अंदाजा इसकी शक्ति से लगाया जाता है इसलिए मारंग्ययेथू ने “राजनीति को शक्ति के लिए संघर्ष कहां है”।
मैक्स वेबर ने राजनीति शक्ति को 3 तरीकों से बताया
पारंपरिक वर्चस्व अर्थात सत्ता शक्ति व्यक्ति और उसके परिवार में परंपरागत रूप से नहीं तो होती है जैसे इंग्लैंड के राजा तथा उनका परिवारप्रभावशाली विलक्षण क्षमता इसके अनुसार व्यक्ति में स्वयं इस प्रकार की विलक्षण क्षमता होती है कि लोग उसे अपना नेता मानने लगते हैं। उदाहरण के लिए महात्मा गांधीविधिक तार्किक - इसके अंतर्गत एक विशेष व्यवस्था के तहत व्यक्ति को शासन करने का अधिकार प्राप्त होता है और यह तरीका लगभग विश्व के लगभग सभी राष्ट्र द्वारा बनाया जाता है।
राजनीति का वर्तमान स्वरूप
प्राचीन समय में राजनीति राजमहल तक सीमित थी इसे केवल राजाओं का खेल माना जाता था किंतु आज राजनीति का स्वरूप बदल चुका है। यह राजतंत्र से बदलकर लोकतंत्र में परिवर्तित हो चुकी है जिसमें राज्य के सभी व्यक्ति अपने राजनीतिक अधिकारों का प्रयोग स्वतंत्रता पूर्वक करते हैं राजनीतिक सत्ता शक्ति जनता द्वारा प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप में चुने गए प्रतिनिधियों के हाथ में होती है और यह प्रतिनिधि अपने कर्तव्य के लिए जनता के सामने उत्तरदायी होते हैं चुनाव प्रणाली के द्वारा जनता निश्चित समय पर नए-नए प्रतिनिधि चुनती है। इस प्रकार राजनीति आज साधारण व्यक्ति के जीवन का एक अंग बन चुकी है। मार्शल वर्मन लिखते हैं “भले ही आप चाहो या ना चाहो भले ही राजनीति में आपकी रूचि हो या ना हो किंतु राजनीति आप में रुचि अवश्य रखती है”।
भारत में राजनीतिक परंपराएं
Download kaise honge notes sir
जवाब देंहटाएंFull chapter ke notes bna kr bta dijiye kaise download kre
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