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A.E.C.C.हिंदी भाषा और संप्रेषण यूनिट 2 Ch # 2 संप्रेषण की संभावनाएं एवं भ्रामक संप्रेषण और प्रभावी संप्रेषण में अंतर NOTES


सम्प्रेष्ण की संभावनाएं

संभावना से अभिप्राय है किसी घटना या काम के फलस्वरुप वह स्थिति जिसमें उसके पूर्ण होने की उम्मीद हो और संप्रेक्षण की संभावना से अभिप्राय सम्प्रेष्ण की प्रक्रिया के बाद उसके क्या-क्या परिणाम मिल सकते हैं इसका अनुमान लगाना संप्रेषण की संभावनाएं कहलाता है जो निम्नलिखित है

  • सम्प्रेष्ण की पहली संभावना है कि जिस उद्देश्य से समुचित सम्प्रेष्ण किया गया है क्या वह उद्देश्य प्राप्त हो सकेगा
  • किसी भी सूचना जानकारी संदेश इत्यादि को सर्वप्रथम स्वयं संग्रह एवं विश्लेषण करके आत्मविश्वास एवं प्रभावपूर्ण तरीके से श्रोता के समक्ष रखना चाहिए जिससे संप्रेक्षण के प्रभावी होने की संभावना बढ़ जाती है
  • सम्प्रेष्ण समाज में लोगों को क्रियाशील होने के लिए प्रेरणा प्रदान करता है
  • सम्प्रेष्ण के द्वारा व्यक्ति की अभिव्यक्ति एवं व्यवहार परिवर्तन में सहयोग मिलता है
  • सम्प्रेष्ण प्रक्रिया के द्वारा लोगों के सोचने समझने और सीखने के नजरिए में भी परिवर्तन लाया जाता है
  • सम्प्रेष्ण जनमत को प्रभावित करने के लिए भी महत्वपूर्ण रूप से उपयोगी है
  • सम्प्रेष्ण समाज की समस्याओं जैसे जाति ,धर्म ,लिंग और पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है
  • सम्प्रेष्णसामाजिक व्यवस्था को नियंत्रित विकसित एवं स्थापित करने में सहायक है
  • सम्प्रेष्ण समाज के लोगों के आपसी संबंधों को मजबूत बनाने एवं राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता को बल प्रदान करने में सहायक है


भ्रामक संप्रेषण

संप्रेक्षण तभी सार्थक माना जाता है जब श्रोता के द्वारा ग्रहण किया गया संदेश का उचित( फीडबैक) प्रतिपुष्टि दी जाए कई बार वक्ता संदेश को श्रोता तक ठीक प्रकार से नहीं पहुंचा पाता या श्रोता संदेश को ठीक प्रकार से ग्रहण नहीं कर पाता तब एक भ्रम की या असमंजस्य की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिसे भ्रामक संप्रेषण कहते हैं


भ्रामक संप्रेषण के कारण

  • वक्ता और श्रोता के मध्य भाषाई दक्षता एवं वैचारिक समन्वयता का अभाव होना 
  • संबंधित विषय की आधी अधूरी जानकारी होनाश्रोता का रुचि ना लेना, भोतिक स्तिथिया ठीक न होना (शोर वाली जगह )
  • वक्ता के द्वारा उचित व्याकरण, अर्धविराम चिन्ह, शब्दार्थ आदि का उचित प्रयोग ना करना

  • उदाहरण - रोको मत, जाने दो    रोको, मत जाने दो


प्रभावी संप्रेषण

संप्रेक्षण प्रक्रिया में जब संदेश ग्रहण करने वाले तक संदेश उसी अर्थ में पहुंच जाए जिस अर्थ में संप्रेषक पहुंचाना चाहता है तो यह प्रभावी संप्रेक्षण कहलाएगा विद्वानों ने प्रभावी संप्रेषण के लिए 7c के सिद्धांत को महत्वपूर्ण बताया है


सम्प्रेष्ण के 7c सिधांत 

1. विश्वसनीयता CREDIBILITY

2. संदर्भ CONTEXT

3. विषय वस्तु CONTENT

4. स्पष्टता CLARITY

5. निरंतरता CONSISTENCY

6. माध्यम CHANNEL

7. प्राप्तकर्ता की क्षमता CAPEBILITY


भ्रामक संप्रेक्षण और प्रभावी संप्रेक्षण में अंतर

  • विश्वास - वक्ता और श्रोता में परस्पर विश्वास या भरोसा ना होना
  • संदेश में अस्पष्टता और विरोधाभास होना 
  • वक्ता और श्रोता के बीच आयु ,भाषा ज्ञान, कार्यक्षेत्र ,दूरी इत्यादि का सही उपयोग ना होना
  • वक्ता एवं श्रोता के बीच संदेश रूचि का ना होना
  • भौतिक वातावरण का अभाव जैसे भीड़भाड़ का क्षेत्र अत्यधिक शोर ढोल 
  • डीजे या कम प्रकाश वाला क्षेत्र आदि संप्रेक्षण को प्रभावित करते हैं
  • अस्पष्ट हस्तलेख , संबधित विषय और उचित शब्दकोश की कम जानकारी होना
  • शारीरिक क्षमता जैसे  मूक ,बधिर. अंधपन आदि


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