संप्रेषण के प्रकार
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उसे समाज में रह रहे लोगों के साथ संप्रेक्षण करना पड़ता है मनुष्य अलग-अलग स्थिति में अलग-अलग प्रकार से संप्रेक्षण करता है परंतु भाषा मानव जाति की सबसे अमूल्य संपत्ति है जिसकी सहायता से हम लोगों तक अपने विचार अपनी भावनाओं या कोई जानकारी सहजता से पहुंचा सकते हैं।
मुख्यतः संप्रेक्षण के तीन प्रकार होते हैं
1. अमौखिक
2. मौखिक
3. लिखित
अमौखिक संप्रेक्षण
अमौखिक संप्रेषण की प्रक्रिया मैं चिन्हों, संकेतों ,प्रतीकों और शारीरिक हाव-भाव के द्वारा अपने विचारों भावनाओं सूचनाओं इत्यादि को दूसरों तक पहुंचाया जाता है उदाहरण के लिए ट्रैफिक पुलिस द्वारा यातायात का सुचारु संचालन हाथों के संकेतों द्वारा किया जाना सड़कों पर यातायात सुचारू रूप से चलाने के लिए साइन बोर्ड्स का उपयोग किया जाना आदि।
मौखिक संप्रेषण
मुख से बोल कर किया जाने वाला संप्रेक्षण मौखिक संप्रेषण है इसमें वक्ता और श्रोता दोनों आमने-सामने होकर मौखिक वार्तालाप करते हैं विशेषत: इसमें भाषा और शब्दों का प्रयोग किया जाता है एक शिशु का मानसिक विकास मौखिक संप्रेक्षण के बल पर ही होता है मौखिक संप्रेषण के माध्यम को दो भागों में बांटा जाता है।
परंपरागत संप्रेक्षण
माध्यम हमारी ग्रामीण संस्कृति की देन है इन परंपरागत जन माध्यमों में लोक गीत, लोक नृत्य, लोक कथा, लोक नाट्य कठपुतली अभिनय, नुक्कड़ नाटक आज भी प्रभावशाली संप्रेक्षण के सशक्त माध्यम है यह सभी कलाएं निरक्षरता, अंधविश्वास, सांप्रदायिक बैर, जनसंख्या नियंत्रण ,कुपोषण और स्वच्छता दहेज प्रथा शौचालय आदि सामाजिक बुराइयों के विरुद्ध जागृति पैदा करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
आधुनिक संप्रेक्षण माध्यम इसके अंतर्गत रेडियो, दूरदर्शन, कंप्यूटर ,इंटरनेट वीडियो नेटवर्किंग, केवल ,डिश टीवी, एफएम ,व्हाट्सएप ,फेसबुक, टि्वटर इत्यादि की सहायता से लोगों तक विभिन्न प्रकार की जानकारियां या सूचनाएं पहुंचाने में यह अपनी प्रभावशाली भूमिका अदा करते हैं साक्षर, निरक्षर ,निर्धन और नेत्रहीन सभी मनुष्य के लिए आधुनिक संप्रेक्षण एक वरदान सिद्ध हुआ है।
मौखिक संप्रेषण के लाभ
यह अत्यधिक प्रभावशाली होता है और इसे पुन: संप्रेषित किया जा सकता है इसमें वक्ता का मूल्यांकन तुरंत किया जा सकता है लिखित संप्रेषण की बजाय अल्प समय में यह प्रसारित किया जाता है इस संप्रेक्षण के द्वारा किसी बड़े समूह के साथ संवाद किया जा सकता है।
मौखिक संप्रेषण की सीमाएं
मौखिक संप्रेषण का कोई स्थाई अभिलेख नहीं होता इसे कानूनी साक्ष्य के रूप में मान्यता नहीं है यदि वक्ता बोलने में कुशल नहीं है तो वह उचित प्रभाव पैदा नहीं कर पाएगा इसमें वक्ता को श्रोता की मानसिक स्थिति उसकी आयु एवं उसके शब्दों के ज्ञान के आधार पर संप्रेक्षण करना होता है अन्यथा अर्थ की समझ विकसित नहीं हो पाएगी
लिखित संप्रेषण
जब ज्ञान-विज्ञान और विश्व की सूचनाएं और संदेश प्रभावशाली ढंग से लिखकर लक्षित वर्ग तक पहुंचाया जाए तो उसे लिखित संप्रेक्षण कहते हैं लिखित संप्रेक्षण ज्ञान और शोध को व्यवस्थित करने में सहायता देता है किसी व्यवस्था में लिखित संप्रेषण अत्यंत महत्वपूर्ण है किसी संस्था में विभिन्न दायित्व और क्रियाकलापों को सुचारू रूप से चलाने के लिए लिखित संप्रेक्षण जरूरी है इसके अंतर्गत पत्र –पत्रिकाएं, समाचार पत्र ,पुस्तकें ,होल्डिंग्स साइन बोर्ड ,पोस्टर ईमेल नोटिस पैंफलेट आदि आते हैं
लिखित संप्रेक्षण के लाभ
लिखित संदेश को स्थाई अभिलेख के रूप में सुरक्षित किया जा सकता हैलिखित संप्रेक्षण में स्तरीय भाषा एवं स्पष्ट अर्थ वाले शब्दों का प्रयोग किया जाता हैं लिखित संप्रेषण को प्राप्त करता जितनी बार चाहे उतनी बार पढ़ कर समझ सकता है लिखित संप्रेक्षण की सीमाएं यह शिक्षित वर्ग तक ही सीमित है यह संप्रेक्षण बहुत औपचारिक और जटिल होता है इसमें तुरंत फीडबैक नहीं मिलता इस प्रक्रिया में सूचना संग्रहण करने तैयार करने टाइप करने और जांच करने में काफी समय लगता है और यह अत्यधिक महंगा भी होता है
संप्रेक्षण की चुनौतियों को मुख्यतः छह श्रेणियों में रखा जाता है
1. मनोवैज्ञानिक
2. यांत्रिक
3. अर्थगत
4. भौतिक
5. भाषिक
6. सांस्कृतिक
मनोवैज्ञानिक
प्रत्येक व्यक्ति का आचार-विचार रहन-सहन सोचने का तरीका उसका व्यवहार भिन्न होता है इसलिए वह प्राप्त संदेश को अपने पूर्व अनुभव के आधार पर ग्रहण करते हैं इसलिए लोगों की मनोवृति ,अभिमत और मूल्य प्रभावकारी संप्रेक्षण में बाधा उत्पन्न करता है
यांत्रिक
इसे दो भागों में बांटा जाता है व्यक्तिगत और मशीनरी व्यक्तिगत को शारीरिक क्षमता भी कह सकते हैं इसके अंतर्गत व्यक्ति की आवाज साफ ना होना, शब्दों का उच्चारण सही ना कर पाना उसकी टोन, स्वर ,लहजा आदि ठीक ना होने की वजह से संप्रेक्षण में बाधा आ सकते हैं वही मशीनरी की बात करें तो इंटरनेट पर काम करते हुए नेटवर्क का चले जाना फोन पर बात करते हुए लाइन कट जाना या बिजली चले जाना इत्यादि संप्रेक्षण में बाधाएं उत्पन्न कर सकते हैं
अर्थगत
यदि संदेश अस्पष्ट या असंगत है या फिर श्रोताओं के नैतिक मूल्यों के अनुरूप नहीं है तो भी प्रभावी संप्रेषण में बाधा उत्पन्न हो सकती हैं
भौतिक
इसके अंतर्गत वक्ता और संदेश ग्रहण करने वाले के बीच की भौतिक दूरी से लेकर समय अंतराल तक को ले सकते हैं दूर खड़े व्यक्ति पास खड़े व्यक्ति की अपेक्षा कम सुन पाएगा
भाषिक
सूचना के संप्रेक्षण में सबसे प्रमुख बाधा भाषा की होती है क्योंकि एक व्यक्ति सभी भाषाओं का ज्ञाता नहीं होता देश के अंदर में देश के बाहर भाषा की भिन्नता होती है जिसकी वजह से सूचनाओं एवं जानकारियों को प्राप्त करने में बाधाएं आती है कई बार कंप्यूटर मशीन के द्वारा भी ठीक अनुवाद नहीं हो पाता